Weather Alert: मौसम विभाग ने चेतवानी दी है अगले 5 दिनों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में गरज के साथ बारिश की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख सहित कुछ क्षेत्रों में गरज और बिजली के साथ छिटपुट बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, 4 मई तक लगातार मौसम में बदलाव देखने को मिलेंगे। देश के कई क्षेत्रों में आंधी के साथ बारिश की संभावना है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है। जिसके कारण बादल, आंधी और बारिश का दौर बना हुआ है।
वर्षा का पूर्वानुमान और चेतावनियाँ:
मध्य भारत
- अगले 5 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में गरज/बिजली/तेज हवाओं के साथ हल्की/मध्यम छिटपुट/काफी व्यापक वर्षा होने की संभावना है।
- आज मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के छिटपुट स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है।
दक्षिण भारत
- अगले 5 दिनों के दौरान आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल और केरल और माहे में गरज/बिजली/तेज हवा के साथ छिटपुट/काफी व्यापक वर्षा होने की संभावना है।
- 26-30 अप्रैल के दौरान केरल में अलग-अलग स्थानों पर और 26 और 27 तारीख को उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना में तटीय आंध्र प्रदेश में 27 और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा में 29 और 30 अप्रैल को भारी वर्षा होने की संभावना है।
- 26 और 27 अप्रैल को तेलंगाना के अलग-अलग स्थानों पर और आज उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में ओलावृष्टि की संभावना है।
पूर्वी भारत
- अगले 4 दिनों के दौरान इस क्षेत्र में हल्की/मध्यम छिटपुट से छिटपुट वर्षा के साथ गरज/बिजली/तेज हवाएं चलने की संभावना है और उसके बाद धीरे-धीरे कमी आएगी।
- 27 और 28 को ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर और 27 अप्रैल को झारखंड में ओलावृष्टि की संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत
- अगले 5 दिनों के दौरान क्षेत्र में गरज/बिजली/तेज हवाओं के साथ हल्की/मध्यम से व्यापक वर्षा होने की संभावना है।
- 28 से 30 अप्रैल के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय के छिटपुट स्थानों पर और 29 और 30 अप्रैल को नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी वर्षा होने की संभावना है।
पश्चिम भारत
- अगले 5 दिनों के दौरान मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में हल्की से छिटपुट बारिश के साथ गरज/बिजली गिरने की संभावना है और गुजरात राज्य में हल्की बारिश हो सकती है।
- 26 और 27 को मध्य महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर और 26-28 अप्रैल के दौरान मराठवाड़ा में ओलावृष्टि की संभावना है।
उत्तर पश्चिमी भारत
- 26-30 अप्रैल के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में गरज/बिजली के साथ हल्की/मध्यम छिटपुट बारिश/बर्फबारी और 27-30 अप्रैल के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में गरज/बिजली के साथ छिटपुट वर्षा होने की संभावना है।
- 26 तारीख को जम्मू और कश्मीर के अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना; 26 और 27 को हिमाचल प्रदेश और 27 से 30 अप्रैल के दौरान उत्तराखंड में।
- 27-29 अप्रैल, 2023 के दौरान राजस्थान के अलग-अलग स्थानों पर धूल भरी आँधी चलने की संभावना है।
मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि के साथ हो सकती है तेज बारिश
मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम करवट ले ली है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों में बारिश होने की संभावना जताई है। अगले 24 घंटे के अंदर मध्य प्रदेश में कई जिलों में बारिश हो सकती है। इससे सब्जी और बागवानी फसलों को नुकसान की आशंका बढ़ गई है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए किसानों को सतर्क रहने को कहा है। दरअसल, विदर्भ क्षेत्र के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है। इससे बारिश की संभावना बढ़ गई है। इसके साथ ही बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। पिछले 24 घंटे के दौरान मध्य प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश हुई है। शहडोल, जबलपुर और सागर संभाग में अधिक वर्षा दर्ज की गई है। अब मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते प्रदेश के 12 जिलों में ओलावृष्टि के साथ बारिश हो सकती है। इस दौरान तेज आंधी के साथ बिजली भी गिर सकती है।
बता दें कि पिछले महीने मध्य प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई थी। इससे लाखों हेक्टेयर में लगी रबी की फसल को नुकसान हुआ। बेमौसम बारिश ने सबसे ज्यादा सरसों और गेहूं की फसल को बर्बाद कर दिया। इससे गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। ऐसे में केंद्र सरकार को गेहूं खरीद में छूट देनी पड़ी। वहीं, किसानों ने कहा कि बेमौसम बारिश से चना और बागवानी फसलों को भी नुकसान हुआ है। तेज आंधी के कारण खासकर आम के टीकोले झर गए हैं। ऐसे में इस बार आम के कम उत्पादन की संभावना जताई जा रही है।
देश के विभिन्न हिस्सों में आंधी/बिजली गिरने/तेज हवाओं/ओलावृष्टि की संभावना के लिए कृषि मौसम संबंधी सलाह:
- तेलंगाना में परिपक्व चावल, मक्का और बाजरा की पूर्ण कटाई; केरल, ओडिशा और आंतरिक कर्नाटक में चावल; तमिलनाडु में हरा चना और काला चना; अरुणाचल प्रदेश में सरसों; साफ मौसम के दौरान हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गेहूं और काटी गई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
- मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ में साफ मौसम के दौरान परिपक्व मक्का, फल (अंगूर, अनार, आम आदि), प्याज और अन्य सब्जियों की कटाई जारी रखें और काटी गई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
- अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, तमिलनाडु, केरल, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पानी के ठहराव से बचने के लिए फसल के खेतों में उचित जल निकासी चैनल बनाए रखें।
- जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, विदर्भ, ओडिशा, झारखंड, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में बागों की रक्षा के लिए ओला जाल का उपयोग करें।
- बागवानी फसलों और सब्जियों को स्टेकिंग के लिए यांत्रिक समर्थन प्रदान करें।