मशरूम में प्रचुर मात्रा में मौजूद प्रोटीन, विटामिन, प्रति - ऑक्सीकारक (सेलेनियम), रेशा तथा अनेक खनिज जैसे - लौह, मैग्नीशियम, जिंक, मैंगनीज, पोटेशियम, फॉस्फोरस, सल्फर, कैल्शियम, कॉपर इत्यादि व कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स तथा वसा मानव स्वास्थ्य के लिये वरदान कहे जा सकते हैं।
1. कार्बोहाइड्रेट्स व वसा कम होने के कारण यह दिल के रोगियों, मधुमेह व मोटापे जैसे रोगों व विकारों से ग्रसित व्यक्तियों के लिये एक बेहतरीन आहार है।
2. प्रचुर मात्रा में उपलब्ध लौह, रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में सहायता करता है।
3. इसमें मौजूद फोलिक अम्ल व लौह रक्त में लाल कणिकाएं बनाने में मददगार होते हैं।
4. मशरूम जरूरी अमीनो अम्ल की ही पूर्ति नहीं करते बल्कि अनेक विटामिनों के भी भंडार माने जाते हैं।
5. इसमें अपेक्षाकृत प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो कि हमारे दैनिक संतुलित आहार का एक महत्वपूर्ण अंश है।
6. यह दुनिया के सबसे ज्यादा प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों में से एक है, जो कुपोषण से बचाता है। मानव शरीर में पानी के बाद प्रोटीन ही सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है।
आज अधिकतर आबादी प्रोटीन की कमी के कारण कुपोषण से ग्रसित है, जिसकी पूर्ति खुम्ब के उपयोग से पूरी की जा सकती है। शरीर के अधिकांश रोग व विकार, कोशिकाओं के संक्रमण से शुरू होते हैं। मशरूम का विशेष गण यह है कि यह रोग से ग्रस्त तथा टूटी कोशिकाओं की मरम्मत करता है एवं नयी रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। यह एक ऐसा आहार है, जिसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन - डी भी पाया जाता है, जो मानव हड्डियों को मजबूत करने के साथ - साथ कैल्शियम तथा फॉस्फोरस के अवशोषण में सहयोग करता है। इसमें उपलब्ध रेशा शरीर के पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है तथा भूख भी बढ़ाता है। हालांकि कई लोग आज भी इसको मांसाहार मानकर खाना पसंद नहीं करते जो कि एक भ्रम है। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता, उत्पादन में वृद्धि व उपलब्धता के कारण आज मशरूम अनेक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर ताजे उपोत्पाद के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।