हमारे देश में जागरूकता के अभाव व अज्ञानतावश मशरूम आमजन का आहार नहीं बन पाया है। इसके लिए इसका उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाना बहुत आवश्यक है ताकि यह सभी के भोजन का अभिन्न अंग बन सके। इसमें मौजूद प्रति - ऑक्सीकारक जैसे एगोंथियोनिन हमारी फ्री रेडिकल्स से रक्षा करते हैं।
बीटा ग्लूकान्स और लिनोलिक अम्ल के एंटीकार्सिजेनिक प्रभाव के कारण प्रोस्टेट (पौरुष ग्रन्थि) तथा ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है। हड्डियों की मजबूती व शरीर की रोगरोधक क्षमता बढ़ाने में इसकी विशेष भूमिका है। मशरूम की कुछ किस्में शरीर में गांठे बनने से भी रोकती हैं , जो गांठें बाद में कैंसर का कारण बन सकती है। अनेक मशरूमों में से गैनोडर्मा औषधीय खुम्बों का राजा है, जो कि शरीर की रोगरोधक क्षमता, यकृत की सुरक्षा तथा कॉलेस्ट्रोल को कम करता है।
कार्डिसेपस महत्वपूर्ण अंगों जैसे - फेफड़ों . यकृत , प्रजनन अंगों को सुरक्षित रखने के साथ - साथ शरीर की ताकत को बढ़ाती है। मशरूम न केवल भोजन को पौष्टिक ही बढ़ाता है बल्कि अनेक रोगों पर नियंत्रण रखने में भी सहायता करता है। यह तभी सम्भव है, जब देश में इसके उत्पादन में एक नयी क्रान्ति आएगी जिसके द्वारा प्रत्येक को मशरूम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगा।