मणिपुर ने जैविक काले चावल की खेप यूरोप भेजी, मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दिखाई हरी झंडी

मणिपुर ने जैविक काले चावल की खेप यूरोप भेजी, मणिपुर के  मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दिखाई हरी झंडी
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture Aug 13, 2021

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने गुरुवार को यूरोप के लिए जैविक काले चावल की एक मीट्रिक टन खेप को हरी झंडी दिखाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कृषि विभाग के सहयोग से उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (एनईआरएएमएसी) के माध्यम से खेप भेजी जाती है।

उन्होंने कहा, “इस किस्म के चावल में जीआई टैग होता है। मैं किसानों को उनके उत्पादों के निर्यात में समर्थन देने के लिए केंद्र का आभार व्यक्त करता हूं। काले चावल में ग्लूटेन मुक्त और मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के अलावा उच्च विटामिन और खनिज सामग्री होती है।

उन्होंने कहा, "पहले हम देश के अन्य राज्यों में 1500 मीट्रिक टन काला चावल भेज चुके हैं।"


यूरोप इन दिनों हमारे मणिपुरी ब्लैक राइस का मुरीद हो चला है, इस सुगंधित पहाड़ी ब्लैक राइस की डिमांड यूपीय देशों के अलावा देश के अलग अलग हिस्सों में भी जमकर हो ही है. यही वजह है कि यूपोर से 1 मिट्रिक टन ब्लैक राइस के इम्पोर्ट का ऑर्डर मिला. इस कंसाइन्मेंट को मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

क्या है खास इस चावल में
मणिपुर की इस ब्लैक राइस को वहां की स्थानीय भाषा में चाक हाओ कहा जाता है. प्रदेश में इस चावल की खेती तकरीबन 45,000 हेक्टर में की जाती है. बीते मई महीने इस चावल की जियोग्रैफिकल इंडिकेशन टैग मिला था. इसके बाद सीधे एक मिट्रिक टन के ऑर्डर को मणिपुर की राजधानी इम्फाल से यूरोप के लिए रवाना किया गया.

मिनिरल विटामिन से भरपूर
चाक हाओ राइस मणिपुर में सदियों से पैदा किया जाता है। इसमें विटामिन से लेकर कई मिनिरल्स पाए जाते हैं। यही नहीं ये ग्लुटन यानी वसा मुक्त होता है, इसका काला रंग इसके एंथोसायनिन पिगमेंट का नतीजा है जो इसे एंटी ऑक्सीडेंट खूबियां देते हैं. आम तौर पर चाक हाओ को मेडिसिनल यूज यानी दवा के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है, ये प्रति किलो 100 से 120 रुपए तक बिकता है।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline