उदयपुर. चंद्रसिंह बिरकाळी ने शायद ऐसे ही बादलों को देख बादळी गीत की ये पंक्तियां लिखी होगीं। मंगलवार को बादलों की ओट में ढके सूरज ने अलसुबह उनिंदी आंखभर खोली थी। इसके बाद तो पूरे आसमान पर मेघों ने ऐसी चादर बिछाई की धूप दिनभर आने को तरसती रही। दिन चढ़ने से सांझ ढलने तक बूंदों के घुंघरु बजने लगे। कभी शहर के इस हिस्से में तो कभी उसमें।
कानोड़, लसाड़िया सहित अरनोद, छोटीसादड़ी अवलेश्वर, धमोतर, टांडा में आधा से एक घंटा मेघों ने जमकर बूंदों की सरगम छेड़ी। नाथद्वारा भी दोपहर में पूरा भीग गया। राजसमंद शहर में दोपहर पौने एक से पौने दो बजे तक 31 एमएम बारिश हुई। राणा प्रताप नगर रेलवे स्टेशन पर खुले में रखे एफसीआई के गेहूं अफसरों की लापरवाही से भीग गए।