इस बार मौसम को लेकर निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट मौसम के पूर्वानुमान को लेकर दावा किया है कि मानसून इससाल 4 जून को केरल पहुंचेगा। देखा जाये तो सामान्य तौर पर यह एक जून को केरल पहुंचता है, लेकिन इस बार एजेंसी का अनुमान है की यह तीन दिन लेट होगा। इस बार पूरे देश में पिछले साल की तुलना में दो फीसदी कम यानी दीर्घावधि औसत (एलपीए) की 93 फीसदी होने का अनुमान है। गत वर्ष के रिकॉर्ड के अनुसार 95 फीसदी बारिश हुई थी।
पूर्वानुमान के आधार पर स्काईमेट के सीईओ जतिनसिंह ने बताया कि देश के चारों मौसम क्षेत्रों में इस वर्ष सामान्य से कम बारिश के आसार हैं।प्रायद्वीपीय भारत में इसके आगे बढ़ने की रफ्तार भी शुरुआत में धीमी रहेगी। मानसून के 22 मई तक अंडमान निकोबार पहुंचने की उम्मीद है। इस सत्र में देश के उत्तर-पश्चिमी व दक्षिणी प्रायद्वीप की तुलना में पूर्वी व उत्तर-पूर्वी और मध्य हिस्से में मानसून कमजोर रहेगा।
देश में भले ही इस बार 93 फीसद बारिश की संभावना है। लेकिन, इस सम्भावना के आधार पर इसका अधिक असर कृषि पर नहीं पड़ेगा। जुलाई में अल-नीनो के कमजोर पड़ते ही अच्छी बरसात होगी। यह दौर अगस्त तक चलता रहेगा।
निजी संस्था स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि सामान्य से कम मानसून होने पर भी कृषि क्षेत्र पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। जून-जुलाई में कम बारिश होने से सिचाई का काम देर से शुरू होगा, लेकिन अगस्त व सितंबर में अच्छी बारिश से धान जैसी फसलों को काफी फायदा मिलेगा।फसलों की पैदावार में कमी नहीं आएगी। कृषि प्रधान राज्य पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सिचाई के अच्छे प्रबंध है। इससे सूखे की स्थिति नहीं आएगी।
मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काइमेट ने इस बार मानसून में औसतन 93 फीसद बारिश का अनुमान लगाया है। आमतौर पर 90 फीसद से कम बारिश पर ही सूखा घोषित किया जाता है, लेकिन इस बार ऐसे हालत बनते दिखाई नहीं दे रहे हैं।
मध्य प्रदेश को लेकर की गई मौसम की भविष्यवाणी के आधार पर, मध्य प्रदेश के विदर्भ से सटे इलाके, रायसीमा और उत्तरी कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों में कम बरसात होगी। हालांकि, सूखे की कोई स्थिति नहीं होगी। इसका किसानों पर अधिक असर नहीं पड़ेगा।