ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि सरकार महात्मा गांधी मनरेगा श्रमिकों के बैंक खाते में मजदूरी का शत प्रतिशत भुगतान हासिल करने के लिए सभी कदम उठा रही है और पारदर्शिता और जवाबदेही हासिल करने के उद्देश्य से कार्यों के सामाजिक अंकेक्षण पर जोर दे रही है। सरकार ने 2020-21 के लिए मनरेगा के लिए 61,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस कार्यक्रम के लिए 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
COVID-19 से उत्पन्न होने वाली इस कठिन अवधि के दौरान जरूरतमंद कामगारों को रोजगार प्रदान करने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस कार्यक्रम के लिए 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। तोमर ने केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की 21वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा, कार्यक्रम के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 28,000 रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। तोमर परिषद के अध्यक्ष हैं।
तोमर के मुताबिक महात्मा गांधी मनरेगा रोजगार पैदा करने वाली सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है जो ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को वैकल्पिक रोजगार प्रदान करती है। इस कार्यक्रम में अनुमन्य कार्य हैं जिनमें से 164 प्रकार के कार्य कृषि और संबद्ध गतिविधियों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल संरक्षण/सिंचाई पर व्यक्तिगत परिसंपत्तियों के निर्माण को प्राथमिकता दी है जिससे कृषि क्षेत्र को मदद मिलेगी।