मध्यप्रदेश के किसान को मंडी तक आने की मशक्कत से छुटकारा घर से ही बेच सकेंगे अपनी उपज, जानिए इस खबर के बारे में

मध्यप्रदेश के किसान को मंडी तक आने की मशक्कत से छुटकारा घर से ही बेच सकेंगे अपनी उपज, जानिए इस खबर के बारे में
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Kisaan Helpline

Agriculture Sep 17, 2021

किसान अब घर से अपनी उपज बेच सकेंगे, इसके लिए मध्य प्रदेश के मंडी बोर्ड की ओर से ही पहल की जा रही है। कोरोना संकट में मध्य प्रदेश की मंडियां बंद रहीं तो सरकार ने किसानों के घर जाकर उपज खरीदने की छूट व्यापारियों को दी थी। इसी वैकल्पिक उपाय ने अब नई राह खोल दी है। प्रायोगिक तौर पर की गई इस व्यवस्था में किसान और व्यापारियों की भागीदारी को देखते हुए राज्य सरकार अब मोबाइल एप से खरीदी की व्यवस्था को स्थायी रूप देने जा रही है। इससे व्यापारी मंडी के बाहर भी किसान की सहमति के आधार पर उपज खरीद सकेंगे। इससे किसान को मंडी तक आने की मशक्कत से छुटकारा मिलेगा। साथ ही सरकार को मिलने वाले मंडी टैक्स में भी कमी नहीं होगी।

अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी ने बताया कि मध्य प्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में सौदा पत्रक का प्रविधान है। इस व्यवस्था को मोबाइल एप के माध्यम से डिजीटल रूप दिया है। किसान अपनी इच्छा से पंजीकृत व्यापारी से सौदा करता है। अभी सौदा पत्रक होता था वो कागज का था। व्यापारी गांव में खरीदी करते थे और पर्ची काट देते थे पर मंडी को सूचना तब मिलती थी, जब वो सूचना देते थे और मंडी शुल्क चुकाते था। डिजीटल व्यवस्था होने से हम निगरानी कर सकते हैं। सौदा होते ही मंडी के पास रिकार्ड आ जाता है। इसमें किसान सौदे और भुगतान को प्रमाणित करता है।

मध्यप्रदेश में किसानों की गेहूं और धान जैसी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सहकारी समितियों के जरिए खरीदी की जाती है. इसके अलावा व्यापारी मंडी में बोली लगाकर कृषि उपज खरीदते हैं। किसानों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए सौदा पत्रक एंड्रॉयड मोबाइल ऐप (Souda-Patrak Mobile App) तैयार किया‌ गया है। इसके तहत मंडी बोर्ड/मंडी समिति से एनओसी लेकर व्यापारियों को मंडी के बाहर सीधे किसानों से फसल का खरीदने की इजाजत दी गई है।

सरकारी दरों पर उपज बेचने के लिए 14 अक्टूबर तक करें रजिस्ट्रेशन
मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हो गया है. अगर किसान सरकारी दरों पर अपनी उपज को बेचना चाहते हैं तो उन्हें ई-उपार्जन पोर्टल पर 14 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है, यह प्रक्रिया 15 सितंबर से शुरू हो चुकी है।

पिछले वर्ष मध्य प्रदेश ई-उपार्जन रजिस्ट्रेशन कृषि उपज मंडियों के माध्यम से होता था। इस कारण किसानों को तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इसी वजह से राज्य सरकार ने इस बार किसानों को घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा दे दी है।

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