बुधवार से राजधानी सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों में बादल छाने लगे हैं। राजधानी में रात को गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की बौछारें भी पड़ीं। इससे वातावरण में कुछ ठंडक घुल गई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान मे अलग-अलग चार मौसम प्रणाली सक्रिय हैं। इस वजह से गरज-चमक के साथ बारिश होने के आसार बन गए हैं। इस तरह की स्थिति चार दिन तक बनी रहने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर में बना हुआ है। इसके प्रभाव से पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बन गया है। दक्षिण-पूर्वी मप्र से लेकर कर्नाटक तक एक पूर्वी हवाओं का ट्रफ बना हुआ है। इस सिस्टम के साथ पश्चिमी हवाओं का टकराव हो रहा है। इसके अतिरिक्त दक्षिण-मध्य महाराष्ट्र पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इन चार सिस्टम के कारण प्रदेश में हवाओं के साथ नमी आने लगी है। इससे बुधवार रात से बादल छाने लगे हैं। साथ ही गरज-चमक के बौछारें पड़ने लगी हैं।
मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि गुरुवार को बरसात की गतिविधियों में और तेजी आएगी। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलने के आसार हैं। बारिश के साथ ही कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। विशेषकर गुरुवार और शुक्रवार को भोपाल, जबलपुर, सागर संभाग के जिलों के अलावा श्योपुरकलां, डिंडोरी जिले में गरज-चमक के साथ बरसात होने की संभावना है। लगातार नमी मिलने के कारण मौसम का इस तरह का मिजाज चार दिनों तक बना रह सकता है। उधर बेमौसम बरसात से खेत में खड़ी गेहूं की फसल और आम की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ गई है।