वर्तमान समय में कृषि क्षेत्र में किसान खेती के साथ साथ अन्य व्यवसायों में भी रूचि दिखा रहा है जैसे - पशुपालन, दुग्ध डेयरी व्यवसाय, मुर्गी पालन, बागवानी, मधुमक्खी पालन आदि। मधुमक्खी पालन कृषि से ही जुड़ा एक व्यवसाय है। जिसमें कम लागत और अधिक मुनाफा है। कृषि से जुड़े लोग या फिर बेरोजगार युवक इस व्यवसाय को आसानी से अपना सकते है।आज हम बात करते है मधुमक्खी पालन के विषय में जानिए मधुमक्खी पालन व्यवसाय से कितना मुनाफा हो सकता हैं।
मधुमक्खियों का महत्त्व
मधुमक्खियां हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम जो कुछ भी फल, सब्जियां या अनाज खाते हैं उन्हें उगाने के लिए केवल धूप, मिट्टी और पानी ही जरूरी नहीं हैं बल्कि कीट पतंगों का भी विशेष योगदान है। धरती पर कृषि का एक बड़ा भाग इन्हीं कीट पतंगों पर निर्भर है। ऐसे में मधुमक्खियों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए और उन्हें खतरों से बचाने के लिए हर साल 20 मई को मधुमक्खी दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस खास दिवस को मनाने के उद्येश्य के बारे में... हम जो भी फल, सब्जियां या अनाज खाते हैं उन्हें उगाने के लिए परागण की प्रक्रिया खास योगदान रखती है। मधुमक्खियां पेड़ पौधों के पराग कणों को एक पौधों से दूसरे पौधों तक पहुंचाने में मदद करती हैं।
इतिहास
वैज्ञानिक तरीके से विधिवत मधुमक्खी पालन का काम अठारहवीं सदी के अंत में ही शुरू हुआ। इसके पूर्व जंगलों से पारंपरिक ढंग से ही शहद एकत्र किया जाता था। पूरी दुनिया में तरीका लगभग एक जैसा ही था। जिसमें धुआं करके, मधुमक्खियां भगा कर लोग मौन छत्तों को उसके स्थान से तोड़ कर फिर उसे निचोड़ कर शहद निकालते थे। जंगलों में हमारे देश में अभी भी ऐसे ही शहद निकाली जाती है। आधुनिक तरीके से मधुमक्खी पालन पश्चिम देशों की देन हैं।
मधुमक्खियों की संख्या और उनका जीवनकाल
मधुमक्खियों की संख्या : एक डिब्बे में कुल 3 प्रकार की मधुमक्खियाँ रखी जाती है. इन तीन प्रकार की मधुमक्खियों में रानी मधुमक्खी, नर मधुमक्खी और श्रमिक मधुमक्खी शामिल होती हैं, एक डिब्बे में श्रमिक मधुमक्खी की संख्या 30,000 से 1 लाख तक की होती है। इसमें नर मधुमक्खी की संख्या 100 के आस पास की होती है, इसमें रानी मधुमक्खी की संख्या केवल 1 होती है।
मधुमक्खियों की आयु : विभिन्न श्रेणी के मधुमक्खियों की आयु विभिन्न होती है, रानी मधुमक्खी की आयु 1 वर्ष की, नर मधुमक्खी की आयु 6 महीने और श्रमिक मधुमक्खी की आयु लगभग डेढ़ महीने की होती है।
मधुमक्खी पालन की लागत और लाभ
लागत:- एक अनुमान के मुताबिक यदि आप 10 पेटी से शुरुआत करते है तो आपका कुल खर्च 30 हजार से 40 हजार होगा, वही यदि 80 या 100 पेटी से शूरुआत करना चाहते हौ तो यह खर्च 2 या 3 लाख से ज्यादा का हो सकता है।
लाभ:- एक डिब्बे मधुमक्खी से प्राप्त होने वाले 50 किलो शहद को अक्सर 100 रु. प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है. अतः प्रत्येक डिब्बे से आपको रू 5,000 प्राप्त होते हैं। बड़े पैमाने पर इस बिज़नेस को करने से प्रति महीने 1 लाख 15 हज़ार रूपए तक का लाभ प्राप्त हो सकता है. बड़े पैमाने के बिज़नेस में तैयार किये गये मधु का मूल्य प्रति किलोग्राम रू 250 के आस पास का होता है।
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