लहसुन की देखभाल लहसुन में एग्री फाउण्ड व्हाइट , जी - 1 , एग्री फाउण्ड व्हाइट व्हाईट , एग्रीफाउंड पार्वती , जी - 501 ( बैंगनी धब्बा एवं झुलसा रोग सहन रोग सहनशील ) , जी - 282 , जी - 262 , सलेक्शन - 1 , सलेक्शन - 2 , नासिक लहसुन , एचजी - 1 , एचजी 6 , एलसीजी - 1 , गोदावरी व श्वेता तथा पूना लहसुन प्रमुख किस्मों की बुआई करें।
लहसुन की अच्छी पैदावार लेने के लिए एक हैक्टर में 300 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद रोपाई से एक सप्ताह पहले मिट्टी में मिला दें। बुआई के समय अंतिम जुताई पर 100 कि. ग्रा. यूरिया, 300 कि. ग्रा. सुपर फॉस्फेट एवं 100 कि. ग्रा. पोटाश अच्छी तरह खेत में मिला दें। एक हैक्टर क्षेत्र में लहसुन का 5 - 6 क्विंटल बीज (कलियां) पर्याप्त होता है। खेत में बुआई पंक्तियों में 15x10 सें. मी. की दूरी पर करने के बाद 2 सें. मी. गहरी मिट्टी की तह से ढक दें। लहसुन में खरपतवार नियंत्रण हेतु पेण्डीमेथिलीन 1.25 कि. ग्रा. अथवा फ्लूक्लोरोलीन 1.25 कि. ग्रा. प्रति हैक्टर की दर से 650 लीटर पानी में घोलकर बुआई के 8 - 10 दिनों बाद छिड़काव करें।