जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश लहसुन उत्पादन का एक बड़ा राज्य है, मध्य प्रदेश में लहसुन की सबसे ज्यादा खेती होती है। आपको बता दें कि पिछले साल अच्छी कीमतों को देखते हुए इस साल लहसुन का अधिक उत्पादन हुआ था, लेकिन इस साल लहसुन पिछले साल की तुलना में कम कीमत पर खरीदा जा रहा है, जिससे किसान भाई को कीमत भी नहीं मिल रही है। लहसुन का भाव 3000 रुपये तक ही बिक रहा है, पिछले साल 10 से 12 हजार रुपये के भाव पर बिक रहा था। इतने कम दाम में लहसुन की खरीद से किसान को काफी नुकसान हो रहा है, जिसे देखकर किसान काफी परेशान और निराश नजर आ रहे हैं।
पिछले साल सीजन के अंत में लहसुन के अच्छे भाव से किसान काफी खुश था, वही भाव देखकर किसान भाई को उम्मीद थी कि इस साल भी भाव अच्छे होंगे, लेकिन अभी कुछ नजर नहीं आ रहा है. इस साल लहसुन की बुवाई का रकबा पिछले साल की तुलना में 10,000 हेक्टेयर अधिक था, जिससे लहसुन का उत्पादन भी दिखाई दे रहा है।
बदलते मौसम से इस साल किसान हुए परेशान
इस साल बदलते मौसम ने भी किसान को काफी परेशान किया है, वहीं लहसुन की खेती करने वाले किसान को इस मौसम से काफी नुकसान हुआ है। पहले मौसम और अब कम दाम मिलने से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
पिछले साल से इस साल इतने कम दामों के मिलने से किसान भाई को लागत भी नहीं मिल रही है किसान का कहना है की 8000 हजार से अधिक का बीज बुवाई के लिए लगता है और बीज उपचार और अन्य खर्चे को देखते हुए 10 से 12 हजार एक एकड़ का खर्चा बुवाई लिए लग जाता है उसके बाद निंदाई खुदाई का अन्य खर्चा होता है इतने ख़र्चे होने के बाद इस वर्ष 3000 हजार दाम में लहसुन का बिकना किसान को लागत भी नहीं निकल रही है और नुकसान हो रहा है।
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा लहसुन की बुवाई की जाती है, अच्छे दाम नहीं मिलने से प्रदेश का किसान नाराज है और परेशान है। पिछले वर्ष बुवाई और उत्पादन की बात करे तो वर्ष 2020-21 में लगभग 390000 हेक्टैयर में लहसुन की बुवाई की गई थी जिसका उत्पादन 3184000 मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है जो इस वर्ष और अधिक मिलने का अनुमान दिखाई दे रहा है।