पोषण वाटिका में विभिन्न प्रकार की सब्जी फसलें उगायी जा सकती हैं, जिनमें कुछ विशिष्ट प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं।
1. प्याज एवं लहसुन में सल्फर पाया जाता है , जो कई जीर्ण रोगों की रोकथाम में लाभकारी होता है ।
2. प्याज का सेवन करने से शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा मिलता है , जो कि ऑस्टियोपोरोसिस ( हड्डी कमजोर होने वाले रोग ) की रोकथाम के लिए उपयोगी है।
3. प्याज व लहसुन कैल्शियम , मैंगनीज व पोटेशियम के भी उत्तम स्रोत हैं।
4. आलू में कार्बोहाइड्रेट के साथ - साथ उच्च गुणवत्तायुक्त प्रोटीन होते हैं। ये आवश्यक अमीनो अम्ल ( लाइसिन ) में समृद्ध होते हैं। इनमें सीमित मात्रा में विटामिन - सी भी पाया जाता है।
5. मिर्च में मौजूद फाइटोकैमिकल्स गैस्ट्रिक अल्सर ( पेट का अल्सर ) , दांतों के दर्द व गठिया के इलाज में बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।
6. बैंगन उच्च रक्तचाप व कोलेस्ट्रॉल के इलाज में प्रभावी होता है।
7. ब्रोकली, गोभी, मूली आदि में ग्लूकोसिनोलेट्स पाया जाता है, जो फेफड़ों , प्रोस्टेट कैंसर , स्तन कैंसर के विरूद्ध सुरक्षा प्रदान करता है।
8. बथुआ , पालक व अन्य हरी सब्जियां लौह तत्व , फोलिक अम्ल व रेशे ( फाइबर ) जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से समृद्ध हैं।
एक स्वस्थ वयस्क के लिए प्रतिदिन 40 ग्राम रेशे की मात्रा संस्तुत की गई है। इन सब्जियों में विषाणु प्रतिरोधी , फफदी प्रतिरोधी , एलर्जी प्रतिरोधी जैसे कई औषधीय गुण होते हैं। विभिन्न शोधों के अनुसार प्रतिदिन अधिकतर फलों व सब्जियों को आहार में शामिल कर सेवन करने से विभिन्न प्रकार के कैंसर से बचा जा सकता है। फल भी सूक्ष्म पोषक तत्वों ( विटामिन व खनिज ) के समृद्ध स्रोत होते हैं। विभिन्न प्रकार के फल जैसे - आम, पपीता, संतरा, अमरूद, अंगूर आदि विटामिन - ए , बी , सी के अतिरिक्त कैल्शियम , मैग्नीशियम , लौह तत्व और पोटेशियम युक्त होते हैं। नीबूवर्गीय फल विटामिन - सी के उच्च स्रोत हैं। खबानी व आडू विटामिन - ए एवं केरोटीनोइडसयक्त होते हैं। कैरोटिन हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र ( इम्यून सिस्टम ) को मजबूत करता है और त्वचा संबंधी समस्याओं में भी प्रभावकारी होता है।