Kisaan Helpline
आज के इस बदलते
समय में खेती की पुरानी परंपरा,
पद्धति में बदलाव जरूरी
है। देखा जाये तो कुछ साल पहले तक जिस खेती-किसानी की तरफ युवाओं का बिल्कुल रुझान
नहीं था, वही आज बड़ी-बड़ी डिग्री लेने वाले युवा भी उन्नत खेती कर रहे
हैं। किसानी में कॅरियर की असीमित सम्भावनाएं हैं।आपको बता दे की कृषि में डिग्री
ले रहे युवाओं को रोजगार के लिए भटकने के बजाय आधुनिक कृषि तकनीक को अपनाने की
जरूरत है। इसके आधार पर वे बेहतर कॅरियर ही नहीं बना सकेंगे, बल्कि नवाचार के माध्यम से किसानों को भी प्रशिक्षित कर सकेंगे। यह बातें हैलो
नईदुनिया कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए प्रमुख अतिथि इंदिरा
गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटिल ने कही। गुरुवार को आयोजित
कार्यक्रम में उन्होंने कृषि विवि में शैक्षणिक बदलाव, विद्यार्थियों की प्रमुख समस्याएं, कॅरियर पर बात रखी। फोन
पर किसानों, विद्यार्थियों के सवालों के जवाब के साथ सुझाव
भी दिए।
आचार संहिता के
बाद कई योजनाएं
कार्यक्रम में
जानकारी दी गयी की इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आने वाले समय में कई
योजनाएं शुरू होंगी। किसानो को जागरूक करने के लिए और उन्हें और ज्यादा विकास की
राह पर ले जाने के लिए इन्क्युबेशन केंद्र, मोबाइल एप के माध्यम से
किसानों को जागरूक करने, सभी कृषि विज्ञान केंद्र में पांच एकड़ में
जैविक खेती, कृषि में डिग्री ले चुके युवाओं को स्वयं के
रोजगार से जोड़ने की पहल होगी। इन सब योजनाओ का आचार संहिता लगने के कारण योजनाओं
का उद्घाटन नहीं हो पाया है।
कृषि क्षेत्र में
कॅरियर
अगर स्टूडेंट्स
कृषि अनुसंधान के क्षेत्र से जुड़कर कृषि वैज्ञानिक या फिर बेहतर प्रशिक्षित किसान
बनना चाहते हैं तो 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास करने के साथ प्री
एग्रीकल्चर टेस्ट पास करना होगा। उसके बाद बीएससी एग्रीकल्चर या बीएससी एग्रीकल्चर
ऑनर्स की डिग्री हासिल करनी चाहिए। यह डिग्री एग्रीकल्चर, वेटनरी साइंस, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, फॉरेस्ट्री, हॉर्टीकल्चर, फूड साइंस और होम साइंस
में से किसी भी एक विषय में ले सकते हैं। डिग्री लेने के बाद एग्रोनोमिस्ट, एग्रीकल्चर साइंटिस्ट, क्रॉप प्रोडक्शन स्पेशलिस्ट, क्रॉप साइंटिस्ट, लैब टेक्नीशियन, असिस्टेंट प्रोफेसेर, रिसर्च फैलो, फार्म एसोसिएट, फार्म मैनेजर आदि के रूप
में काम कर सकते हैं।
शैक्षणिक योग्यता
विज्ञान और गणित
में समझ अच्छी होनी चाहिए। फसलों से जुड़े विषयों जैसे आनुवंशिकी, बायोकेमिस्ट्री, प्लांट फिजियोलाजी, एंटोमोलोजी, सॉयल फर्टीलिटी
आदि विषय पढ़ने चाहिए। बारहवीं पास छात्र के पास कृषि, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, भौतिकी, सांख्यिकी जैसे विषय होने चाहिए।
Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.
© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline