लखनऊ, अब से कुछ दिनों के लिए पारंपरिक खेती के साथ ही एकीकृत खेती की जानकारी देने के लिए किसानों की पाठशाला चलाई जाएगी। 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' के नाम से न्याय पंचायत स्तर पर खुलने वाली इन 52 हजार पाठशालाओं के लक्ष्य को लेकर एक करोड़ से अधिक किसानों को उन्नतशील खेती के कुछ विशेष तरीको से प्रशिक्षित किया जायेगा। इसके तहत आने वाली दिनांक 10 जून से राजधानी में तक़रीबन 97 प्राथमिक विद्यालयों समेत प्रदेश में इस पाठशाला की शुरुआत होगी।
देखा जाये तो हम सब जानते है की तेज धूप, बारिश और जाड़ों के समय में खेतों में हाड़-तोड़ मेहनत करने वाले किसानों को उतना लाभ नहीं मिल पाता, दिन रात मेहनत करके वो उस लाभ को नहीं हासिल कर पाते जितना उन्हें मिलना चाहिए। कृषि विभाग खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के साथ गेहूं, धान, दलहन और तिलहन जैसी परंपरागत खेती के साथ ही पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन करने के प्रति किसानों को जागरूक करता है। अब सरकार की ओर से किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के सापेक्ष ऐसी एकीकृत पाठशाला चलाने का निर्णय लिया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों डॉ. अखिलेश दुबे, डॉ. विवेकानंद, डॉ. आरके सिंह की ओर से 102 मास्टर ट्रेनरों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है।
पाठशाला की पढ़ाई का समय निर्धारण
'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' के नाम से शुरू होने वाली किसान पाठशालाएं पहले चरण में चार दिन तक चलाई जाएंगी। इसके दौरान जानकारी देते हुए जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा ने बताया कि एक दिन में दो घंटे की पाठशाला होगी, जिसका समय न्याय पंचायत में रहने वाले किसान तय करेंगे।
किसानों पर प्रभाव
अगर हम इसके फायदे और किसानों की आय पर पड़ने वाले प्रभावों की बात करे तो उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने इस बारे में बताया है कि प्रदेश सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से कृषि विभाग को पाठशाला चलाने के निर्देश दिए हैं। एकीकृत खेती के साथ ही आर्थिक समृद्धि की जानकारी किसानों को दी जाएगी। पाठशालाएं 27 मई के बजाय अब 10 जून से शुरू होंगी।