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नई दिल्ली। मंगलवार को सरकार ने यूरोप और उत्तरी अमेरिका के कुछ देशों में कृषि वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि उत्पादों के परिवहन और विपणन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना प्रस्तुत की है। परिवहन और विपणन सहायता (टीएमए) योजना के तहत, सरकार माल ढुलाई प्रभार के एक निश्चित हिस्से की प्रतिपूर्ति करेगी और कृषि उपज के विपणन में सहायता प्रदान करेगी। योजना के तहत वायुमार्ग के साथ-साथ समुद्री (सामान्य और कोल्ड स्टोरेज दोनों के मामले में) के निर्यात के लिए माल भाड़ा और विपणन कार्य में सहायता की जाएगी।
वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "टीएमए के तहत सहायता सीधे नकद भुगतान के माध्यम से व्यापारियों के हिस्से के रूप में बैंक खाते में प्रदान की जाएगी, जिस स्थिति में एफओबी (माल-भाड़ा-लोडिंग) आधार पर आपूर्ति की गई है," और जहां भारतीय निर्यातक ने माल भाड़ा का भुगतान नहीं किया है, ऐसी भाड़ा योजना को कवर नहीं किया जाएगा।"
यह योजना समय-समय पर उल्लिखित अवधि के लिए लागू होगी। फिलहाल यह इस साल 1 मार्च से 2020 के लिए निर्यात के लिए उपलब्ध होगा। ईडीआई (इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज) बंदरगाहों के माध्यम से किए गए निर्यात के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लिए वित्तीय सहायता का स्तर अलग और केवल स्वीकार्य होगा। व्यापार विशेषज्ञों ने इस योजना का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से भारत से कृषि निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
मंत्रालय के अनुसार समुद्र के रास्ते दक्षिण अमेरिका के कोल्ड स्टोरेज के लिए 31,500 रुपये प्रति टन का उच्चतम प्रतिपूर्ति प्रदान किया जाएगा, इसके बाद उत्तरी अमेरिका के लिए 28,700 रुपये और ओशिनिया के लिए 24,500 रुपये शामिल हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी शामिल होंगे। सामान्य कंटेनर के मामले में यह राशि अलग होगी।
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