प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानो के हित को लेकर चलाई गई इस मुहीम को सरकार और फायदेमंद व किसानों के लिए उपयोगी बनाने के अथक प्रयासों में जुटी हुई है। देश के केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में हुई बहस का जवाब दिया और देश के सभी सांसदों से इसे और भी कारगर बनाने पर उनकी सलाह मांगी है। कृषि मंत्री ने सांसदों से कहा कि वे तीन से पांच दिनों के भीतर अपनी सलाह दे दें, ताकि बीमा योजना को बेहतर बनाने में मदद मिल सके।
बहस के दौरान मंत्री कृषि तोमर ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को सरल, सहज और उपयोगी बनाने की है।
कृषि मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि फसल बीमा योजना के लिए धन की कमी नहीं पड़ेगी, वे इसके लिए सारे प्रयास करेंगे।
किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि इसके लिए हर वो प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे किसानो को ज्यादा लाभान्वित किया जा सके, परन्तु इसके परिणाम एक दिन में नहीं दिखेंगे। देश के लगभग 10 करोड़ स्वायल हेल्थ कार्ड किसानों को दे दिये गये हैं। इसके अलावा अगर दूसरे चरण की बात की जाये तो 9.82 करोड़ कार्ड पूरे होने को हैं। नीम कोटेड यूरिया के फैसले का असर यह हुआ कि सभी किसानों को पर्याप्त यूरिया मिल रही है। लीकेज बंद हो गया है। यूरिया की कालाबाजारी पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का पूरा ध्यान देश के हर किसान को क्रेडिट कार्ड (केसीसी) देने पर है, प्रयास किया जा रहा है। पीएम-किसान योजना का पूरा देश स्वागत कर रहा है, किसानो में इस योजना को लेकर काफी हर्ष है, उन्होंने कहा की हमने राजनीति से ऊपर उठकर इसे लागू किया है। खेती में मशीनीकरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है, प्रयास किया जा रहा है की किसानो को तकनीक को लेकर और जागरूक किया जाये। खेत व किसान दोनों को स्मार्ट बनाने पर जोर है। संसद में कृषि मंत्रालय की अनुपूरक मांगों को मंजूरी दे दी गई।