भारतीय मौसम विभाग ने अनुसार, देश में इस बार सामान्य मानसून के होने की भविष्यवाणी की है। इसके आधार पर कृषि मंत्रालय ने खरीफ की फसल के लिए उम्मीद जताई है कि खाद्यान्न का उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक होने की संभावना है।
वार्षिक खरीफ सम्मेलन में कृषि मंत्रालय ने कहा कि इस साल गर्मी में चावल का उत्पादन 102 मिलियन टन (10.2 करोड़ टन) होने की उम्मीद है, जबकि कुल खाद्यान्न उत्पादन 147.9 मिलियन टन (14.79 करोड़ टन) होने की उम्मीद है।
खरीफ की फसल के लिए साल 2019 के लिए ये लक्ष्य पिछले साल के लक्ष्यों के साथ-साथ 2018 में वास्तविक उत्पादन से अधिक है। दूसरा अग्रिम अनुमान, साल 2018 के खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 14.22 करोड़ टन को छूता है, जिसमें चावल का उत्पादन 10.19 करोड़ टन है।
वहीं, रबी की फसल की बात करें, तो मंत्रालय साल 2019 में 14.32 करोड़ टन के खाद्यान्न उत्पादन के साथ रबी की फसल को भी लक्षित कर रहा है।
मोटे अनाज के संबंध में मंत्रालय ने ज्वार, बाजरा और जौ के लिए अपने लक्ष्य को पिछले साल के समान स्तर पर बनाए रखा है। खरीफ और रबी दोनों मौसमों में मक्का में 2.89 करोड़ टन के उत्पादन को हासिल करने के लिए 16 लाख टन की वृद्धि का अनुमान है। इसने आगामी वर्ष में कुल मोटे अनाज की उपज का लक्ष्य 4.83 करोड़ टन तक बढ़ा दिया है।
इसी प्रकार गन्ना उत्पादन के मामले में इस साल फिर से एक नया रिकॉर्ड स्थापित होने की संभावना है। अगर बात करे तो मंत्रालय ने 385.5 मिलियन टन की फसल का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल के 355 मिलियन टन से काफी अधिक है। पिछले कुछ वर्षों में रिकॉर्ड उपज की वजह से उत्पादन में कमी आई है, जिससे चीनी की कीमतों में गिरावट आई है।
लिहाजा, गन्ना किसानों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि मिलें उनके लंबित बकाया का भुगतान करने में असमर्थ हैं। साल 2019-20 के लिए तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 36.1 मीट्रिक टन पर स्थिर रहा।