कृषि को लेकर सरकार की नई पहल जीरो बजट फार्मिंग, और आय दोगुनी

कृषि को लेकर सरकार की नई पहल जीरो बजट फार्मिंग, और आय दोगुनी
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture Jul 08, 2019

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का मुख्य केंद्र बिन्दु गांव, गरीब और किसान है। मोदी सरकार ने अपने आम बजट में किसानों की आय को दुगना करने के लिए जीरो बजट खेती को अपनाने की बात सामने रखी है, जिस तरह मौजूदा समय में जीरो बजट कृषि मुय रूप से तमिलनाडु में अपनाई जा रही है। उसी तरह वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि पायलट आधार पर चल रही जीरो बजट खेती को देश के अन्य भागों को लागू करने का कार्य किया जाएगा। 

क्या है जीरो बजट फार्मिग

दरअसल जीरो बजट फार्मिग का मतलब परंपरागत खेती और उसके मूलभूत तरीकों को अपनाकर अपने उत्पादन में वृद्धि करना है। जीरो बजट खेती में कीटनाशक, रासायनिक खाद, हाईब्रिड बीज जैसे किसी भी आधुनिक उपायों का इस्तेमाल नहीं होता है। जीरो बजट फार्मिग को पूरी तरह से प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही किया जाता है। जीरो बजट खेती से किसान अपने द्वारा बनाए गए खाद और अपने ही चीजों का प्रयोग करते है। इसमें रासायनिक उर्वरक की जरूरत नहीं होती है। इस तकनीक के माध्यम से उगाई गई फसल सेहत के लिए फायदेमंद होती है। यहां पर देसी खाद गाय का गोबर, गौमूत्र, चने के बेसन, गुड़, मिट्टी और पानी से बनती है। 

किसानों के बजट में और क्या

किसानो की निरंतर उन्नति और प्रगति के लिए सरकार प्रयासरत है और आने वाले वाले समय के लिए भी जागरूक है। इस बार मोदी सरकार ने अपने बजट में 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया है। ऐसा करने पर आने वाले पांच सालों में किसानों को एक बड़े पैमाने पर लाभ मिलने की उम्मीद भी है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को हर हाल में दुगना किया जा सकें। इसके साथ ही सरकार पशुपालन और डेयरीपालन के सहारे भी किसानों की आमदनी और उनके जीवन स्तर को सुधारने पर जोर दे रही है। आम बजट में मछुआरों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का भी ऐलान किया गया है।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline