खाद्य कृषि उर्वरक सब्सिडी: वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा कि सरकार की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए कृषि, खाद्य और उर्वरक सब्सिडी में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे बुनियादी ढांचे और शिक्षा प्रणाली के विकास के लिए अतिरिक्त धन उपलब्ध हो सकता है। पीटीआई की खबर के अनुसार, व्यय सचिव सोमनाथन ने कहा कि कृषि, खाद्य और उर्वरक क्षेत्रों में सुधार प्रशासनिक रूप से आसान है लेकिन इसके निहितार्थ को देखते हुए राजनीतिक रूप से कठिन है।
मुश्किल है प्रशासनिक रूप से लागू करना खबरों के मुताबिक, उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ शिक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधारों की घोषणा करना आसान है लेकिन उन्हें प्रशासनिक रूप से लागू करना मुश्किल है क्योंकि राज्यों और अन्य संबंधित पक्षों का सहयोग जरूरी है। सोमनाथन ने यह भी कहा कि उनके विचार निजी हैं और यह सरकार के पक्ष में नहीं है।
सोमनाथन ने यह भी कहा कि उनके विचार निजी हैं और यह सरकार का पक्ष नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में दो तरह के सुधार हैं। "सबसे पहले, मुझे लगता है कि अगर वित्तीय स्थिति को सुलझाना है और कई चीजें प्रदान करना चाहते हैं जो सरकारों को वैध रूप से प्रदान करनी चाहिए, तो हमें कृषि सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी, उर्वरक सब्सिडी जैसी कुछ सब्सिडी व्यवस्था में सुधार करना होगा। उनमें से कुछ आपस में जुड़े हुए हैं।"
सोमनाथन ने कहा, ‘‘दूसरा हमें शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक व्यय की दक्षता में सुधार करने की जरूरत है।’’
आर्थिक शोध संस्थान नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में वित्त सचिव ने कहा कि सरकार व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद सुधारों को आगे बढ़ा रही है।