Agriculture News: खेती की पैदावार बढ़ाने में उन्नत किस्म और अच्छी किस्म के बीज का बहुत बड़ी भूमिका होती है। क्योंकि बीज ही अच्छी खेती और किसानों की खुशहाली का आधार होता है। अगर बीज अच्छा हुआ तो खेतों में अच्छीफसल लहलहाने उठेगी।और अगर बीज खराब है तो सारी मेहनत चौपट, सरकार का भी जोर अच्छी किस्म के बीज तैयार करने और बीज वितरण पर रहता है। इसी क्रम में सरकार ने फलों और सब्जियों की 6 नई किस्मों का लोकार्पण किया है
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान-आईसीएआर के स्नातकोत्तर विद्यालय के 284 विद्यार्थियों को पुरस्कार और डिग्री प्रदान की। नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान-आईसीएआर (Indian Agriculture Research Institute-ICAR) के 60वें दीक्षांत समारोह में कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फलों और सब्जियों की 6 किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया। इन किस्मों में आम की दो किस्म पूसा लालिमा (Pusa Lalima) और पूसा श्रेष्ठ, बैंगन की पूसा वैभव किस्म, पालक की पूसा विलायती किस्म (Pusa Vilayati palak), ककड़ी की पूसा गाइनोशियस ककड़ी हाइब्रिड-18 और पूसा गुलाब की अल्पना (Pusa Alpana) किस्म शामिल हैं। सूक्ष्म जीव विज्ञान (Microbiology) विभाग द्वारा विकसित जैव उर्वरक ‘पूसा संपूर्ण’ का भी विमोचन किया गया।
कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उन्नत किस्मों और तकनीकों से खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूसा द्वारा किए गए योगदान की सराहना की।
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत को टॉप 10 कृषि उत्पाद निर्यातक ( Agri product export) देशों में शामिल करावाया है। अब हमारा लक्ष्य भारत को टॉप 5 देशों में शामिल करना है। और यह लक्ष्य भी जल्द ही हासिल कर लिया जाएगा।
सरकार कृषि संस्थानों को ड्रोन की खरीद के लिए 100 प्रतिशत अनुदान दे रही है
किसानों के लाभ के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग और विभिन्न हितधारकों के लिए रोजगार सृजन पर बोलते हुए, कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार कृषि संस्थानों को ड्रोन की खरीद के लिए 100 प्रतिशत अनुदान दे रही है ताकि इस प्रौद्योगिकी को संस्थानों में पढ़ाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि स्नातक भी ड्रोन खरीद के लिए अनुदान सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं। कृषि मंत्री ने नए स्नातकों को इसे ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़े अवसर के रूप में देखने की सलाह दी।
पूसा की किस्मों से बढ़ा अनाज उत्पादन
आईसीएआर (ICAR) के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि इस संस्थान द्वारा विकसित गेहूं की किस्में देश के अन्न भंडार में सालाना 80,000 करोड़ रुपए राशि के लगभग 60 मिलियन टन गेहूं का योगदान करती हैं। इसी तरह, संस्थान द्वारा विकसित बासमती की किस्में भारत में बासमती की खेती में प्रमुख रूप से योगदान करती हैं, जो बासमती चावल के निर्यात के माध्यम से अर्जित होने वाली कुल विदेशी मुद्रा 32,804 करोड़ रुपए का 90 प्रतिशत (29524 करोड़ रुपये) है। देश में लगभग 48 प्रतिशत भाग में सरसों की खेती आईएआरआई किस्मों से की जाती है।