अब मध्य प्रदेश में बनेगी विदेशों से आयात की जाने वाली 800 करोड़ की अगरबत्ती की काड़ी। मध्य प्रदेश के 3 लाख 70 हजार बिगड़े वनों में पंचायत एवं वन समितियों से अच्छे किस्म के बाँस के पौधों का रोपण करवाया जाएगा। और इसके लिए आई.टी.सी. प्रदेश में अगरबत्ती की काड़ी बनाने का प्लांट स्थापित करेगी। इस से फायदा ये होगा की प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में आई.टी.सी. के चेयरमेन एवं सीईओ के साथ इस बात पर चर्चा की। मध्यप्रदेश में औषधीय फसलों के लिए 50 हजार मीट्रिक टन क्षमता का डिहाइड्रेशन प्लांट लगाने के संबंध में चर्चा की।
बाई-बैक की प्रक्रिया
आई.टी.सी. के चेयरमेन ने बताया कि औषधि फसलों की खेती करने वाले किसानों के साथ कांट्रेक्ट फार्मिंग कर बाई-बैक व्यवस्था के तहत खरीदी कर इन उत्पादों का प्र-संस्करण किया जाएगा। इसके अंतर्गत नूडल्स में उपयोग होने वाली सब्जी गाजर, मटर, बींस और आलू उत्पादन को प्रोत्साहन भी दिया जायगा। और इस प्रकार बाई-बैक व्यवस्था से किसानों को इन सब्जियों का उचित मूल्य प्राप्त होगा।