कृषि कार्य में आधुनिक विधियों के प्रयोग जैसे उचित सिंचाई, पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग आदि के बावजूद फसल की उपज में कमी आई है। इसमें पौधों के रोग एवं कीट का महत्वपूर्ण स्थान है। लगभग 30 प्रतिशत हानि पौधों की बीमारियों और कीटों से हो सकती है। बदलती जलवायु (जलवायु परिवर्तन) और आधुनिक कृषि प्रणाली के उपयोग के कारण पौधों की बीमारियों की गंभीरता बढ़ रही है, और उनसे होने वाली हानि भी बहुत बढ़ रही है। इनसे नुकसान बीज बोने से लेकर भंडारण तक कभी भी हो सकता है।
आज के परिवेश में समेकित रोग / कीट प्रबंधन रोग नियंत्रण से रोग / कीट के प्रकोप को न होने देना अथवा रोग के संक्रमण एवं उसकी उग्रता को कम करने पर ध्यान दिया जाता है। इसके अंतर्गत जैविक कवकनाशी, जीवाणुनाशी तथा रासायनिक कीटनाशकों का आवश्यकतानुसार समुचित उपयोग किया जाता है। फसलों के कई मृदा जनित रोगों के प्रबंधन के लिए ट्राइकोडर्मा हरजियानम, स्यूडोमोनास, ट्राइकोग्रामा एवं अन्य प्रकार के जैविक कीटनाशक प्रयोग करते है। साथ में रासायनिक कीटनाशक जैसे कि कैप्टान, थिरम का उपयोग भी बीजशोधन के लिए किया जाता है। फसल में बाद की अवस्था में रोग या कीटों का प्रकोप होने पर रासायनिक कीटनाशक से छिड़काव किया जा सकता हैं।
रासायनिक दवाओं के असुरक्षित इस्तेमाल से कई बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए इनका सुरक्षित उपयोग करना चाहिए। एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन का ध्यान रखा जाना चाहिए। कीटनाशक कितना खतरनाक है, इसके लिए डिब्बे पर कुछ निशान बने होते हैं, जैसे लाल बहुत जहरीला होता है, पीला जहरीला होता है, नीला मध्यम जहरीला होता है, हरा कम जहरीला होता है। कीटनाशक का प्रयोग करने के बाद इसकी प्रतीक्षा अवधि होती है, जिसका अर्थ है कि फल या सब्जी का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप फलों और सब्जियों पर लाल रंग के निशान वाले कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं तो उस सब्जी का प्रयोग लगभग 15 दिनों तक नहीं करना चाहिए, अन्यथा आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पीले निशान वाले कीटनाशक के लिए प्रतीक्षा अवधि 10-12 दिन, नीले निशान के लिए 5-7 दिन और हरे निशान के लिए 3-5 दिन है।
कीटनाशक खरीदते समय सावधानियां
- दुकानदार के कहने से कीटनाशक नहीं खरीदना चाहिए। कीटनाशक खरीदने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए ।
- फसल में कीटनाशक का उपयोग कब करना है उसकी जानकारी होनी चाहिए। जैसे कि धान में एक बीमारी है बकाने, इसके लिए बीजोपचार सबसे कारगर होता है। बाद मे स्प्रे करने पर फसल पर अधिक फायदा नहीं होता और किसान की लागत भी बढ़ जाती है।
- कीटनाशक को हमेशा लाइसेन्स प्राप्त विक्रेता से ही खरीदना चाहिए। कभी भी फुटपाथ से या अन्य विक्रेता से कीटनाशक नहीं खरीदनी चाहिए।
- कभी भी आवश्यकता से अधिक कीटनाशक नहीं खरीदना चाहिए। किसान भाई कभी-कभी ये सोचते हैं कि कोई बात नहीं अगले साल उपयोग कर लेंगे, ऐसा नहीं करना चाहिए।
- कीटनाशक को खरीदते समय उसके डिब्बे पर लेबल जरूर पढ़ना चाहिए।
- खरीदते समय कीटनाशक का बैच न रजिस्ट्रेशन न., बनाने की तारीख और एक्स्पाइरी की तारीख जरूर देखनी चाहिए। एक्स्पाइरी तरीख निकल चुकी है और दुकानदार सस्ते मूल्य में बेच रहा है तो ऐसे कीटनाशक को नहीं खरीदना चाहिए ।
- कीटनाशक का डिब्बा फटा हुआ नहीं होना चाहिए अगर बोतल है तो टूटी-फूटी नहीं होनी चाहिए ।
- कीटनाशक खरीदते समय उसका बिल अवश्य लें। अगर बाद में आवश्यकता पड़ी तो उसका उपयोग कर सकते हैं।
- कीटनाशक को खरीदकर ले जाते समय डिब्बे को खाने के समान के साथ नहीं रखना चाहिए, हमेशा उसके लिए अलग थैला रखें।
- अगर अधिक मात्रा में कीटनाशक खरीदा है तो उसको कंधे पर या सिर पर नहीं ढोना चाहिए। उसके लिए किसान भाईयों आपको उपयुक्त उपाय करने चाहिए।
कीटनाशक रखते समय सावधानियां
- कीटनाशक को हमेशा घर से थोड़ा दूर रखना चाहिए। उनको ऐसी जगह रखें जहाँ आपका या घर के किसी भी सदस्य का लगातार जाना न हों।
- कीटनाशक अधिक धूप में, या जहाँ सूर्य की रोशनी सीधी पड़ती हो वहाँ नहीं रखना चाहिए। कीटनाशक को गीली जगह में भी नहीं रखना चाहिए।
- कीटनाशक को मूल डिब्बे से निकालकर किसी और में नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से आप भी भ्रमति हो सकते हैं और कीटनाशक पर भी उसका प्रभाव पड़ सकता है। बेहतरी के लिए जहाँ कीटनाशक रखा है वहां कुछ खतरे का चिन्ह भी बना सकते हैं
- कीटनाशक को हमेशा बच्चे और पशुओं की पहुँच से दूर रखना चाहिए ।
कीटनाशक घोल बनाते समय सावधानियां
- कीटनाशक बनाते समय हमेशा साफ पानी का प्रयोग करना चाहिए. मिट्टी युक्त पानी या अधिक दिन का रूके हुए पानी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- कीटनाशक बनाते समय रक्षात्मक कपड़ों का प्रयोग करना चाहिए। चेहरे में मास्क लगाना चाहिए, आँखों में चश्मा पहनें। सिर को गमछे से ढ़क सकते हैं। पूरी बाजू की शर्ट और फुल पैन्ट पहनें। बचे हुए घोल को सुरक्षित जगह पर नष्ट कर दें। बचे हुए घोल को तालाब, नहर या नाली के नजदीक नहीं फेंकना चाहिए ।
- तरल कीटनाशकों को सावधानी पूर्वक उपकरण में डालना चाहिए। कीटनाशक पलटते समय इस बात का ध्यान रखें कि उपकरण आपके मुहँ के पास न हों, उसे नीचे ही रखें।
- हमेशा छिड़काव के लिए सही उपकरण का चुनाव करें। हमेशा खरपतवारनाशी और कीटनाशी के लिए अलग-अलग उपकरण का उपयोग करना चाहिए ।
छिड़काव कैसे और कब करें
- छिड़काव करने के लिए शाम का समय सबसे उपयुक्त होता है। छिड़काव बहुत धूप में नही करना चाहिए। बारिश हो रही हो या बारिश के तुरंत बाद भी नहीं करना चाहिए। जब बहुत हवा चल रही हो तब भी छिड़काव नहीं करना चाहिए।
- छिड़काव हमेशा हवा की दिशा में करना चाहिए। छिड़काव के लिए हमेशा उपयुक्त उपकरण का उपयोग करना चाहिए ।
- छिड़काव के बाद उपकरण को अच्छे से साबुन, पानी या डिटरजेंट से धो लेना चाहिए।
- कीटनाशक दवाइयों के डिब्बे को नष्ट कर के मिट्टी में दबा देना चाहिए।
- कीटनाशक दवाइयों के डिब्बों को अन्य किसी कार्य के लिए प्रयोग में नहीं लेना चाहिए ।
कीटनाशक का जब बहुत जरूरी हो तब ही उपयोग करना चाहिए हमेशा कोई भी फसल लगाते समय बीजोपचार जरूर करें। बीजोपचार से फसलों में 10 से 15 प्रतिशत तक उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सकती है। अगर आप बीज उपचार करते हैं तो बीज से फैलने वाले रोगों से बचा जा सकता है और मिट्टी से फसलों का अंकुरण सही होता है।
विष्णु माया बस्याल', आशिष कुमार गुप्ता एवं जगदीश यादव'
पादप रोग विज्ञान संभाग, भा.कृ. अनु. प. - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली-110012
भा.कृ.अ.प.राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र