फसल पैदावार बढ़ाने के लिए किसान उन्नत बीज, संतुलित खाद व सिंचाई आदि सभी संभव प्रयास करते हैं, फिर भी फसल में विभिन्न प्रकार के रोगों एवं कीटों का प्रकोप होता है। देश में फसलों को कीटों, रोगों एवं खरपतवारों आदि से प्रतिवर्ष 15-20 प्रतिशत तक की हानि होती है जिसमें लगभग 34 प्रतिशत खरपतवारों द्वारा, 26 प्रतिशत रोगों द्वारा 20 प्रतिशत कीटों द्वारा, 7 प्रतिशत भण्डारण के कीटों द्वारा 6 प्रतिशत चूहों द्वारा तथा 8 प्रतिशत अन्य कारण सम्मिलित है। उनकी रोकथाम के लिए किसान रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं, जो फसल, भूमि एवं पर्यावरण के साथ-साथ किसानों के लिए भी हानिकारक है। कीटनाशक रासायनों के हानिकारक प्रभाव से बचने और फसल की सुरक्षा के लिए जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करना अत्यंत आवश्यक है।
फेरोमोन ट्रैप (गंध पाश) (Pheromone Trap)
फेरोमोन ट्रैप फसलों को नुकसान करने वाली सूंडिओ के नर पतंगों को फसाने के लिए चमकीले प्लास्टिक का बना होता है। इसमें कीप के आकर के मुख्य भाग पर लगे ढक्कन के मध्य में मादा कीट की गंध (ल्योर) लगाया जाता है जो नर पतंगों को आकर्षित करता है। कीप के निचले भाग पर पॉलीथीन की थैली लगायी जाती है जिसमें पतंगे फंस जाते है। थैली के निचले मुख पर से रबर बँड हटाकर फसे पतंगों को निकाल कर मार दिया जाता है।
प्रयोग विधि
फेरोमोन ट्रैप को खेत में पतंगों की उपस्थिति पता करने के लिए 5-6 ट्रैप प्रति हेक्टेयर के दर से तथा अधिक संख्या में पकड़ने के लिए 15-20 ट्रैप प्रति हेक्टेयर की दर से लगाया जाता है । इसे खेत में कीप पर लगे हत्थे द्वारा डंडे पर फसल की ऊंचाई से 1-2 फीट ऊपर लगाया जाता है।