अधिकारियों के अनुसार, सरकार अपनी सभी कृषि उन्मुख योजनाओं या कार्यक्रमों को डिजिटाइज करने और यह सुनिश्चित करने की योजना बना रही है कि किसानों को सीधे खरीद मूल्यों का भुगतान किया जाए, एक आधार आधारित डाटाबेस बनाए रखकर, जो लाभार्थियों की भूमि जोत का नक्शा भी तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में डाटाबेस में 9 राज्यों में 50,000,000 किसानों का ब्योरा होगा।
नवसृजित डिजिटल कृषि प्रभाग के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने कहा, 30 जून तक पूरा होने वाले डाटाबेस में अलग-अलग कृषि भूमि की सेटेलाइट इमेजिंग की जाएगी ताकि किसानों के पास किस तरह की जमीन है और उनकी फसल बढ़ने के आधार पर एडवाइजरी दी जा सके।
अग्रवाल, जो सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम-किसान योजना के सीईओ भी हैं, इन्होने कहा है कि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए कृषि प्रौद्योगिकी फर्मों के साथ डेटाबेस साझा किया जा सकता है। यह डाटाबेस प्रामाणिक कृषकों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण या डीबीटी सुनिश्चित करने में भी मदद करेगा।