रासायनिक खेती से उत्पादन तो अच्छा होता ही है, साथ ही मिट्टी की क्षरण क्षमता कम होती है और हमें स्वस्थ भोजन नहीं मिल पाता है। इसके विपरीत जहां प्राकृतिक और जैविक खेती से उत्पादन थोड़ा कम होता है, वहां हमें स्वास्थ्यवर्धक भोजन मिलता है। इसलिए किसान भाई रासायनिक खेती के पीछे नहीं भागे और प्राकृतिक व जैविक खेती को अपनाएं। किसान भाई केवल पारंपरिक तरीकों से ही खेती न करें बल्कि खेती की उन्नत तकनीकों को सीखकर इसे एक लाभदायक व्यवसाय बनाएं।


किसान हेल्पलाइन टीम के द्वारा 23 दिसम्बर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जन्मतिथि को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया गया। साथ ही मिट्टी परिक्षण और जैविक खेती के विषय को लेकर किसान दिवस के शुभ अवसर पर किसान हेल्पलाइन टीम ने अलग-अलग गांव में जाकर 250 से ज्यादा किसानों को, मिट्टी परीक्षण एवं मिट्टी स्वास्थ्य के बारे में और ज़हर मुक्त खेती की शुरुआत कैसे किया जाए इसके बारे में जानकारी दी। किसान संघोष्ठी में यह भी बताया की खेती से बढ़िया उत्पादन के लिए मिट्टी की जांच बहुत जरूरी होती है, इसका मुख्य उद्देश्य खेत की जरूरत के अनुसार उसे पोषक तत्व उपलब्ध करवाना है, जिससे कि उत्पादन तक बढ़ेगा ही साथ ही लागत में भी कमी आएगी। सरकार भी मिट्टी की जांच पर खास ध्यान दे रही है।
जय जवान, जय किसान