कृषि में किसानों के बीच रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग में वृद्धि हुई है। इससे भूमि जोत की उत्पादकता पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा लोगों का स्वास्थ्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। वहीं प्रदूषण भी काफी ज्यादा हो रहा है और दिल्ली जैसे महानगरों में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है इन सभी समस्याओं से बचने के लिए सरकार द्वारा किसानों के लिए प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है। इसके तहत खेत की मिट्टी की जांच की जाती है। इससे पता चलता है कि मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है। फिर कार्ड के अंदर खेत में आवश्यक पोषक तत्वों की सिफारिशें दी जाती हैं। इस सलाह का पालन करने से किसान अपनी भूमि की उत्पादकता में वृद्धि करता है।
वेस्ट डीकंपोजर के बारे में
वेस्ट डीकंपोजर गाय के गोबर से खोजा गया एक तरल उत्पाद है। इसमें सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं जो फसल अवशेष, गोबर, जैविक अपशिष्ट खाते हैं और तेजी से बढ़ते हैं और मिट्टी में कार्बनिक कार्बन की मात्रा बढ़ाते हैं। जहां इन्हें रखा जाता है, वहां एक श्रृंखला बन जाती है, जो कुछ ही दिनों में गोबर और कचरे को कम्पोस्ट में बदल देती है। यह मिट्टी के अंदर कार्बनिक कार्बनिक पदार्थों की मात्रा को बढ़ाता है, जो भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर इसे जमीन में डाल दिया जाए तो यह मिट्टी में मौजूद हानिकारक रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं की संख्या को नियंत्रित करता है। और भूमि को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।
बहुत जरुरी है मिट्टी में कार्बन तत्वों का होना
मिट्टी में कार्बन तत्व और पीएच पूरी तरह से चलन में हैं। अधिक उर्वरक मिलाने से पीएच बढ़ जाता है और कार्बन की मात्रा (जीवाश्म) घट जाती है। धीरे-धीरे जमीन बंजर हो जाती है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे गोबर, फसल अवशेष आदि को वेस्ट डीकंपोजर के साथ खेत में डालें ताकि मिट्टी में कार्बनिक कार्बन की मात्रा बढ़ सके। इसका परिणाम यह होगा कि फसलों की पैदावार में वृद्धि होगी।
वेस्ट डीकंपोजर को घर पर तैयार करने की विधि
किसान अपने घर पर वेस्ट डीकंपोजर भी तैयार कर सकते हैं। वेस्ट डीकंपोजर को सीधे खेत में उपयोग नहीं करने से पहले इसका कल्चर बनाया जाता है। इस 20 ग्राम शीशी में निहित तरल को 200 लीटर पानी से भरे ड्रम में डाला जाता है, जिसमें दो किलो गुड़ मिलाया जाता है। इसे दिन में दो बार स्टिक से हिलाते रहें। 5-6 दिनों के बाद घोल में मौजूद ऊपरी सतह पर झाग बन जाता है, तो इसे अपने खेत में उपयोग के लिए तैयार माना जाता है।
वेस्ट डीकंपोजर के उपयोग करने की विधि
वेस्ट डीकंपोजर की 20 मिली की शीशी से 200 लीटर तरल खाद तैयार की जाती है, इसका छिड़काव खेत में किया जा सकता है। इसे गोबर-कचरे पर डालकर खाद बनाया जा सकता है। इससे बीज को शुद्ध किया जा सकता है। फसल में फंगस जैसे रोग होने पर भी इसका छिड़काव किया जा सकता है। इसके अलावा हरी मिर्च, हल्दी, लहसुन और अदरक के रस में वेस्ट डीकंपोजर का छिड़काव करने से फसल का रस चूसने वाले कीड़ों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इससे फसल की पैदावार के साथ-साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी।