दिसंबर माह शुरू हुए दस दिन बीत चुके हैं। दिसंबर का महीना कड़ाके की ठंड के लिए जाना जाता है। लेकिन मौजूदा मौसम को देखते हुए किसानों को सावधान रहना चाहिए। देश के कई राज्यों में ठंड बढ़ गई है। सुबह-शाम कोहरे की चादर भी दिख रही है। रात में न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, 15 दिसंबर तक ठंड और बढ़ेगी। वहीं, 25 दिसंबर तक कड़ाके की ठंड देखने को मिल सकती है। ऐसे में फसलों के साथ-साथ पशुपालकों के लिए भी काफी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इन फसलों को नुकसान की आशंका
शीतकाल में फसलों में पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। पाला कई फसलों को भारी नुकसान पहुंचाता है। पाले से दलहन (मूंग, मसूर), आलू, बैंगन और टमाटर की फसल को नुकसान हो सकता है। पाले से आलू के पौधों के मरने की आशंका है। हालांकि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए काफी फायदेमंद है।
रिपोर्ट्स की मानें तो आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ेगी। ठंड से फसलों को फायदा तब तक होता है जब तक तापमान फसल के अनुकूल रहता है। शीत ऋतु में फसलों में रोग एवं कीटों का प्रकोप कम होता है। फसलों में पौष्टिक तत्वों का संचय बढ़ता है। इसके अलावा फसलों की पैदावार भी बढ़ती है। वहीं, जब तापमान फसलों के लिए अनुकूल नहीं होता है तो उन्हें नुकसान होता है। अत्यधिक ठंड के कारण फसलों का रंग और आकार बदल सकता है। फसलों को सूखा, झुलसा आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
तापमान इतना गिर सकता है
सर्दियों के दौरान जब दिन का तापमान कम रहता है और रात का तापमान भी काफी गिर जाता है तो इसका असर पौधों पर जल्दी पड़ता है। इसके बाद पाले की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब दो दिन के अंदर दिन का तापमान 28 डिग्री से घटकर 22 डिग्री पर आ जाता है. वहीं रात का तापमान भी 14 से बढ़कर 12 और अब 10 तक पहुंच गया है। साथ ही कोहरा भी छाया रहा। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में हालात ऐसे ही नजर आ रहे हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में पारा 6 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है।
सर्दियों में जानवरों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है
दिसंबर माह शुरू हो चूका है। इस बीच देश के कई राज्यों में ठंड ने दस्तक दे दी है। रात में ठंडी हवाएं चलने से तापमान गिरने लगा है। अगले कुछ दिनों में ठंड बढ़ने की आशंका है। ऐसे में अपने मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए उनका विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। मवेशी बेजुबान होते हैं। वह अपनी परेशानी किसी से शेयर नहीं कर पाता। ऐसे में उनके दर्द को समझना और उनका ख्याल रखना जरूरी है। ठंड के मौसम में जानवर कई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं और मर भी जाते हैं। जिससे पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ता है।
किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि खासकर सर्दियों में दुधारू पशुओं की देखभाल कैसे की जाए, ताकि बदलते मौसम से दूध उत्पादन क्षमता प्रभावित न हो। अगर आप भी पशुपालक हैं और अपने पशुओं को सर्दी से बचाना चाहते हैं तो हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जिससे दुधारू पशुओं को सर्दी से बचाया जा सकता है. मौसम का जानवरों पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
अधिकतर जानवर ठंड के मौसम में मरते हैं। ऐसे में अपने मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए उनका विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। ठंड के कारण मवेशियों को भी बुखार या पेट खराब होने की शिकायत रहती है। ऐसी स्थिति में जितनी जल्दी हो सके मवेशी को प्राथमिक उपचार दें और पशुचिकित्सक को दिखाएं। मवेशियों को जूट की बोरियां पहनाई जा सकती हैं। दरअसल, जूट की बोरी शरीर को गर्माहट देती है। ऐसे में जूट की बोरी पहनाकर पशुओं को ठंड से बचाया जा सकता है। पुआल गर्मी प्रदान करता है। ऐसे में आप जहां भी अपने मवेशियों को रखें, वहां फर्श पर पुआल बिछा दें. इससे जानवर गर्म रहेगा और ठंड में उसके बीमार पड़ने की संभावना कम हो जाएगी। साथ ही दुधारू पशुओं पर भी ठंड का प्रभाव नहीं पड़ेगा। ठंड के मौसम में अपने मवेशियों को उचित आहार दें। आप उन्हें महीने में एक बार सरसों का तेल भी पिला सकते हैं। इससे उनका शरीर गर्म रहेगा और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी।
मौसम संबंधित जानकारी
पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तरी उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कल का न्यूनतम तापमान 6-10 डिग्री सेल्सियस के बीच था।
मौसम प्रणालियाँ:
- निचले क्षोभमंडल स्तर पर दक्षिणपूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।
- मध्य क्षोभमंडल स्तर पर पश्चिमी हवाओं में एक ट्रफ लगभग 84°पूर्व देशांतर के साथ 26°उत्तर अक्षांश के उत्तर तक चलता है।
वर्षा चेतावनी:
- 13 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश और असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा, छिटपुट तूफान, बिजली गिरने की संभावना है।
- 16 और 17 दिसंबर को केरल और माहे तथा तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा, छिटपुट गरज के साथ बिजली चमकने/तेज हवाएं चलने की संभावना है।
- 16 और 17 दिसंबर को दक्षिण तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की भी संभावना है।
- अगले 5 दिनों के दौरान देश के शेष हिस्सों में कोई खास मौसम होने की संभावना नहीं है।
ओलावृष्टि की चेतावनी:
13 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।
घने कोहरे की चेतावनी:
13-15 तारीख के दौरान उत्तरी पंजाब, उत्तरी हरियाणा और उत्तरी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में और 13 और 14 तारीख को असम और मेघालय तथा नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में घना कोहरा छाने की संभावना है।
न्यूनतम तापमान का पूर्वानुमान:
अगले 4-5 दिनों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा।