किसान भाई अपनी खेती की गुणवत्ता सुधारने के लिए अपनाये जैविक खेती, जानिए जैविक खेती का महत्व और लाभ के बारे में

किसान भाई अपनी खेती की गुणवत्ता सुधारने के लिए अपनाये जैविक खेती, जानिए जैविक खेती का महत्व और लाभ के बारे में
News Banner Image

Kisaan Helpline

Agriculture May 17, 2021

जैविक खेती
जैविक खेती से अभिप्राय कृषि की ऐसी प्रणाली से है, जिसमें रासायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाओं का प्रयोग न कर उसके स्थान पर जैविक खाद या प्राकृतिक खाद का प्रयोग किया जाए।
यह कृषि की एक पारंपरिक विधि है, जिसमें भूमि की उर्वरता में सुधार होने के साथ ही पर्यावरण प्रदूषण भी कम होता है। जैविक खेती पद्धतियों को अपनाने से धारणीय कृषि, जैव विविधता संरक्षण आदि लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये किसानों को प्रशिक्षण देना महत्त्वपूर्ण है। सूखा, ऋणग्रस्तता और मृदा की घटती उत्पादकता के दुष्चक्र से बाहर निकलने के लिये जैविक खेती एक उपयोगी विकल्प हो सकती है। लेकिन जैविक खेती को लेकर एक सार्वजनिक भ्रम मौजूद है। जैविक खेती के संबंध में हमारी कल्पना महँगे तथा कथित गैर-रासायनिक रूप से उत्पन्न खाद्य उत्पादों तक सीमित है जो उत्पाद कुछ विशिष्ट खुदरा दुकानों पर उपलब्ध होते हैं।

जैविक खेती से होने वाले लाभ
  • कृषकों की दृष्टि से लाभ
  • भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
  • सिंचाई अंतराल में वृद्धि होती है।
  • रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत में कमी आती है।
  • फसलों की उत्पादकता में वृद्धि।
  • मिट्टी की दृष्टि से लाभ।
  • जैविक खाद का उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है।
  • भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ती है।
  • भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम होगा।
  • पर्यावरण की दृष्टि से लाभ।
  • भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती है।
  • मिट्टी, खाद्य पदार्थ और ज़मीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण मे कमी आती है।
  • कचरे का उपयोग खाद बनाने में होने से बीमारियों में कमी आती है।
  • फसल उत्पादन की लागत में कमी एवं आय में वृद्धि ।
  • अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार स्पर्द्धा में जैविक उत्पाद की गुणवत्ता का खरा उतरना।
  • जैविक खेती पद्धति को अपनाने से यह कृषि में कीटनाशकों के उपयोग को कम कर देगा जिससे खेतों में काम करने वाले लोगों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव बहुत कम पड़ेगा।


कृषि में जैविक पद्धतियों को अपनाने से किसानों की आय और लाभप्रदता दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिन किसानों ने भी इसे अपनाया है उनकी कृषि उत्पादकता में भारी वृद्धि हुई है। इसके साथ ही कृषि भूमि की उर्वरता और उत्पादकता भी बढ़ रही है। भारत में जैविक खेती की सफलता प्रशिक्षण और प्रमाणन पर निर्भर करती है। किसानों को त्वरित गति से रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम कर अपनी पारंपरिक कृषि पद्धतियों को अपनाना होगा। किसानों को उर्वर मिट्टी के निर्माण, कीट प्रबंधन, अंतर-फसल और खाद एवं कम्पोस्ट निर्माण जैसे पहलुओं पर प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। पर्यावरण संबंधी लाभ के साथ-साथ स्वच्छ, स्वस्थ, गैर-रासायनिक उपज किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिये लाभदायक है। जैविक खेती भारतीय कृषि क्षेत्र के विकास के लिये अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।

Agriculture Magazines

Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.

© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline