खेतों में कीटों का खात्मा, घर पर ही तैयार करें ये जैविक कीटनाशक, बचाएं फसलें और बढ़ाएं उत्पादन

खेतों में कीटों का खात्मा, घर पर ही तैयार करें ये जैविक कीटनाशक, बचाएं फसलें और बढ़ाएं उत्पादन
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Kisaan Helpline

Agriculture Jul 02, 2024

देश की आजादी से पहले, किसान अपने खेतों में जैविक तरीके से खेती करते थे, जिसमें मुख्य रूप से गोबर का खाद के रूप में उपयोग होता था। परंतु वैज्ञानिक तकनीकों के आगमन के साथ ही खेती में रासायनिक खादों का प्रयोग बढ़ गया, जिससे खेती की लागत भी बढ़ गई। रासायनिक खादों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो गई है, और किसानों को कीट एवं बीमारियों से फसल की रक्षा के लिए रासायनिक कीटनाशकों का सहारा लेना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है और पेस्टिसाइड्स युक्त अनाज खाने से लोगों में विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ हो रही हैं।

अब फसलों और फलदार पौधों को शत्रु कीटों से बचाने के लिए महंगी रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल पुरानी बात हो जाएगी। गौमूत्र से तैयार ब्रह्मास्त्र अब फसलों और पौधों को न केवल शत्रु कीटों से बचाएगा बल्कि उन्हें पूरी तरह नष्ट भी कर देगा। किसान और बागवान शून्य लागत पर घर पर ही ब्रह्मास्त्र बनाकर फसलों को विभिन्न रोगों से बचा सकेंगे।

आज हम आपको एक ऐसा घरेलू उपाय बताएंगे जिससे किसान कीटों और इल्लियों से अपनी फसल को बचा सकते हैं। इस उपाय का नाम है 'ब्रह्मास्त्र', जो घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है और इसमें लागत भी न्यूनतम है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रह्मास्त्र एक प्रभावी कीटनाशक है जिसे किसान अपने घर पर तैयार कर सकते हैं। 
ब्रह्मास्त्रः- नीम की 3 कि.ग्रा. पत्तियां, 2 कि.ग्रा. करंज, सीताफल एवं धतूरे की बारीक पत्तियां, 10 लीटर देशी गाय के गौमूत्र में मिश्रण को मिलाकर लगभग 20-25 मिनट तक उबालें, फिर मिश्रण को 48 घंटे के लिए ठंडा करके सामग्री को सूती कपड़े से छान लें।
ब्रह्मास्त्र का छिड़काव कैसे करें:
ब्रह्मास्त्र का उपयोग फसलों के बड़े आकार के छेदक (बोरर) कीट-पतंगों और इल्लियों (केटरपिलर्स) के प्रबंधन के लिए किया जाता है। अगर आपके खेत में कीट और पतंग बढ़ गए हैं, तो 250 लीटर पानी में 5 से 6 लीटर ब्रह्मास्त्र का मिश्रण मिलाएं। स्प्रे मशीन की मदद से इस मिश्रण को एक हेक्टेयर खेत में छिड़कें। इससे कीट-पतंगों का प्रभावी नियंत्रण होगा और फसल की पैदावार भी बढ़ेगी। खास बात यह है कि ब्रह्मास्त्र बनाने में कोई अतिरिक्त लागत नहीं आती है। आवश्यक सामग्री आसानी से उपलब्ध होती है।

दशपर्णी अर्क कैसे बनाएं:
दशपर्णी अर्क भी एक कारगर कीटनाशक है, जिसे किसान घर पर बना सकते हैं। नीम की 5 कि.ग्रा. पत्तियां, किन्ही 10 पौधों की 2 कि.ग्रा. पत्तियां (करंज, सीताफल, धतूरा, बेल, कनेर, गुडवेल, अरंडी, पपीता, मदार, कनेर, तुलसी, तंबाकू, गेंदा, बबूल, बेर, हल्दी, अदरक, गुड़हल, गिलोय एवं आम इत्यादि) 10 लीटर देशी गाय का गौमूत्र, 10 कि.ग्रा. देशी गाय का गोबर, 500 ग्राम हल्दी पाउडर, 500 ग्राम लहसुन का पेस्ट, 500 ग्राम अदरक का पेस्ट, 1 किलो तंबाकू के पत्ते का पाउडर, 1 किलो तीखी मिर्च का पेस्ट इन सभी का मिश्रण तैयार करने के बाद 200 लीटर पानी में 30-40 दिन के लिए सड़ने के लिए रख देते हैं। इसे सूती कपड़े से छानकर 6 महीने तक उपयोग कर सकते हैं।

लहसुन-मिर्च का अर्क कैसे बनाएं:
500 ग्राम तीखी मिर्च और 500 ग्राम लहसुन लेकर मिश्रण तैयार किया जाता है। इसमें 5 किलो नीम के बारीक पत्ते और 10 लीटर गाय का मूत्र मिलाकर इस मिश्रण को गर्म किया जाता है। मिश्रण को 24 घंटे तक ठंडा किया जाता है। सामग्री को एक सूती कपड़े से छान लिया जाता है।

उपयोग की विधि: लहसुन-मिर्च के अर्क का उपयोग विभिन्न प्रकार की इल्लियों (केटरपिलर्स) जैसे- लिफरोलर, तना छेदक (स्टेमबोरर), फल छेदक (फ्रूट बोरर) एवं फली छेदक (पोड बोरर) को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। एक हेक्टेयर में छिड़काव के लिए 5-6 लीटर लहसुन-मिर्च का अर्क को 250 लीटर पानी में घोलकर उपयोग करें।

इन प्राकृतिक विधियों से किसान अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं और स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

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