खेती का तरीका बदला तो सब्जियों से आई खुशहाली

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Kisaan Helpline

Agriculture Feb 09, 2016

माहीडैमके आसपास बसे गांवों में के किसानों का परंपरागत खेती के बजाय सब्जियों की ओर रूझान बढ़ा है। पानी की भरपूर उपलब्धता ने सब्जी की खेती से किसानों की संपन्नता बढ़ा दी है। गेहूं और मक्का से 6 माह में एक बार और सालभर में दो बार फसल पकती है, लेकिन सब्जी की खेती में आय ज्यादा है और सालभर में चार फसल मिलती हैं। पहले बांसवाड़ा शहर में गुजरात के दाहोद और रतलाम से सब्जी आती थी। अब यहीं ताजा सब्जी मिल जाती हैं।। किसान शंकरलाल गुर्जर और रामचन्द्र पाटीदार का कहना है कि गेहूं और मक्का की फसल से सालभर में 8 लाख की अाय थी। टमाटर की खेती से 10 से 12 लाख की कमाई हो चुकी है। अकेले टमाटर के नवंबर और दिसंबर माह में करीब 2000 से ज्यादा कैरेट बेचे। पानी की उपलब्धता मिट्टी काली और लाल होने से सब्जी की पैदावार अच्छी हो रही है।

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