खरीफ की फसलों का सीजन आ चूका है, खेत की जुताई, निराई-गुड़ाई और बीज बोने से लेकर फसल के अच्छे उत्पादन तक के लिए आप किसान भाई हर सफल प्रयास करते है, कीटनाशक से लेकर मौसम की मार और अच्छे उपज को लेकर अनेको परेशानियाँ सामने आती है, इसके अतिरिक्त कई बार अच्छे यन्त्र की कमी के चलते किसान भाई फसलों के रख - रखाव में पूरा ध्यान नहीं दे पाते, आइये हम आपको बताते है कुछ ऐसे यंत्रो के बारे में जो आप इस्तेमाल तो करते है, लेकिन उनका फसल के लिए क्या महत्व रहता है।
एमबी प्लाऊ
पूर्णत: लोहे का बना फाल मिट्टी को काटता है एवं फाल से लगाा हुआ लोहे के मुड़े हुए प्लेट से मिट्टी पलटने का काम करती है। यह विभिन्न मापों एवं आकार में भूमि के प्रकार, पशु शक्ति के अनुसार उपलब्ध है। यह यंत्र गहरी जुताई के लिए बहुत उपयोगी है।
डिस्क प्लाऊ
इस हल द्वारा पुरवी, कड़ी एवं घास तथा जड़ों से भरी हुई जमीन को जुताई करने में आसानी होती है, तवों के कारण यह इन अवरोधकों को काटता हुआ चलता है। तवो में लगे हुए स्केपर की वजह से गीली मिट्टी इनमें चिपक नहीं पाती है।
कल्टीवेटर
इस यंत्र का प्रयोग जुताई के बाद खेत में ढेलों के तोडऩे, मिट्टी भुरभुरी करने एवं खेत में सूखी घास, जड़ों के ऊपर लाने के लिए करते है। इस यंत्र का प्रयोग कतार युक्त फसलों में निराई हेतु भी किया जाता है। स्प्रिंग टाइन कल्टीवेटर, रिजिड टाइन कल्टीवेटर।
रोटावेटर
यह एक विशेष प्रकार का टै्रक्टर से चलने वाला भारी एवं बड़ा यंत्र होता है। इस यंत्र में विशेष तरह के कई ब्लैड लगे होते हैं, जो मिट्टी को काटकर, ऊपर उठाकर एवं घुसकर पलटते हुए आगे चलते जाते हैं, जिससे मिट्टी की जुताई एवे भुरभुरी एक साथ हो जाती है। इस यंत्र के प्रयोग पश्चात खेत बुआई हेतु तैयार हो जाता है।
बीज उर्वरक बुआई यंत्र (ड्रिल)
इस यंत्र द्वारा 3-4 कतारों में एक साथ बुआई की जा सकती है। कतारों के मध्य की दूरी को आवश्यकतानुसार बदला जा सकता है। इस यंत्र द्वारा खाद एवं बीज दोनों ही निर्धारित मात्रा में आवश्यकतानुसार गिराये जा सकते है।
टै्रक्टर चालित बीज एवं उर्वरक बुआई यंत्र
इस यंत्र द्वारा 7-13 कतारों में बुआई की जा सकती है। इस यंत्र के प्रयोग से बीज एवं खाद भूमि में उचित गहराई पर बोये जा सकते हैं।
प्लांटर
इस यंत्र का प्रयोग बीजों को प्राय: एक निश्चित बीज की दूरी पर पंक्तियों में बुआई हेतु किया जाता है। इसमें अलग-अलग फसल के बीजों के लिए अलग-अलग प्लेटों तथा स्प्रोकिटों का प्रयोग किया जाता है।
रिज फरो सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल
रिज फरो सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल सामान्य रूप से वही सीड-फर्टिलाईजर ड्रिल होती है, जिसका किसान आमतौर पर उपयोग करते है। रिजफरो पद्धति से बोनी करने पर अनेक लाभ प्राप्त होते है। प्राकृतिक अनिश्चिताओं के कारण फसल पर पडऩे वाले प्रतिकूल प्रभावों का असर रिज फरो पद्धति से बोवनी करने पर घट जाता है। बोनी के तत्काल बाद वर्षा होने पर पानी नालियों में भरता-बहता है बीज की मेड़ों की परत सख्त नहीं होती है। फलस्वरूप अच्छा अंकुरण प्रतिशत प्राप्त होता हैं। बोये गए बीज से लगभग 2 से.मी. नीचे उर्वरक गिरता है और अंकुरण के पश्चात यदि अल्प वर्षा होती है तो नालियों में सिंचित पानी सोयाबीन को पर्याप्त नमी प्रदान करता है। परन्तु यदि अंकुरण के पश्चात अधिक वर्षा होती है तीन कतारों के मध्य नालियां वर्षा जल को यथाशीघ्र खेत से बाहर प्रवाहित करने में भी सहायता करती है और जल प्लावन की स्थिति निर्मित नहीं होने देती है। इस प्रकार प्राकृतिक अनिश्चिताओं की आशंका से फसल पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है।