भारत में चेरी के उत्पादन में जम्मू-कश्मीर प्रमुख राज्य है। जम्मू कश्मीर में देश के कुल उत्पादन का लगभग 95% चेरी होती है। मिश्री किस्म की चेरी सबसे अच्छी मानी जाती है। इसकी फसल अप्रैल के महीने में आना शुरू हो जाती है। चेरी में विटामिन और मिनरल अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
हाल ही में महाराष्ट्र के केले और ड्रैगल फ्रूट के बाद अब जम्मू-कश्मीर की चेरी की पहली खेप श्रीनगर से दुबई भेजी गई है। भारत के फलों का विदेशों में निर्यात किया जा रहा है। दुबई को कश्मीर की चेरी की खास मिश्री किस्म भेजी गई है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
रेल मंत्री पियूष गोयल ने कहा की
कश्मीर की चेरी का स्वाद, अब दुबई भी रखेगा याद: कश्मीर की मिश्री वैरायटी की चेरी को पहली बार श्रीनगर से दुबई के लिये निर्यात किया गया। भारतीय कृषि उत्पादों का बढ़ता निर्यात किसानों की आय में वृद्धि करने के साथ ही विश्व बाजार में हमारी हिस्सेदारी बढ़ायेगा।
कोरोना संक्रमण के दौरान चेरी की मांग काफी बढ़ी है, क्योंकि इसमें विटामिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से इम्यूनिटी मजबूत होती है, चेरी की मिश्री किस्म को सबसे अच्छी प्रजातियों में माना जाता है।
गो एयरलाइंस के कारगो विमान से कश्मीर की चेरी सस्ती दरों पर विदेशी बाजार तक पहुंचाई जाएगी। एपीडा के साथ रजिस्टर्ड निर्यातक चेरी को अच्छी ब्रांडिंग के साथ विदेशों में भेज रहे हैं। बागवानी विभाग के अनुसार, इस बार जम्मू-कश्मीर में 12 हजार मीट्रिक टन चेरी की पैदावार हुई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे चेरी की बागवानी करने वाले किसानों की आमदनी अच्छी होगी।