Kisaan Helpline
खेती से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने करेला की एक ऐसी किस्म को तैयार किया है, जिसमें 15 दिन पहले फल लग जाते हैं। यही नहीं इसका उत्पादन भी 20 से 30 प्रतिशत अधिक होता है। इस किस्म का नाम पूसा हाइब्रिड -4 है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एक एकड़ में इसकी खेती से 50 से 60 हजार रुपए की कमाई हो सकती है।
मेडिकल करेले की विशेषता क्या है
कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा एक ऐसी संकर किस्म का विकास किया गया है जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में और अधिक कारगर सिद्ध होगी। पूसा हाईब्रिड -4 में पारांटिन, मोमोडीसीन और सपोनीन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो इसे मधुमेहरोधी बनाता है।
20 से 30 प्रतिशत अधिक पैदावार
आमतौर पर करेले का फल 55 से 60 दिनों में फल देने लगता है जबकि नई किस्म में 45 दिन में फल लग जाते हैं। इसके साथ ही इसकी पैदावार भी 20 से 30 प्रतिशत अधिक है। गहरे हरे रंग का यह करेला मध्यम लम्बाई और मोटाई का होता है, जिसका औसत वजन 60 ग्राम होता है। इसकी उपज 22 टन प्रति हेक्टेयर से अधिक है।
साल में दो बार
नई किस्म दो बार फरवरी के अंत में और मार्च में और अगस्त और सितंबर के दौरान की जाती है। इसमें लगभग चार महीने फल लगते हैं। यह करेले की एक ऐसी किस्म है, जो भूमि और मचान पर समृद्ध पैदावार पैदा कर सकता है।
अन्य देशों में भी अच्छी मांग है
देश से निर्यात होने वाली सब्जियों में करेला शामिल है। खाड़ी देशों में भारतीय करेले की अच्छी मांग है। इसके अलावा कुछ अन्य देशों में भी इसकी मांग है। देश के सभी प्रमुख सब्जी उत्पादक राज्यों में करेले की खेती की जाती है।
Smart farming and agriculture app for farmers is an innovative platform that connects farmers and rural communities across the country.
© All Copyright 2024 by Kisaan Helpline