प्राचीन समय से कम्पोस्ट बनाने की विधियों का उपयोग किया जा रहा है, कचरा - गोबर के विच्छेदन में सूक्ष्माणुओं की मुख्य भूमिका है, विज्ञान की प्रगति के साथ में यह सिद्ध किया जा सका है कि विच्छेदन प्रक्रिया वायुवीय व अवायुवीय विधियों से होती है। पौध अवशेष व गोबर ह्यूमस में परवर्तित होते है।
कम्पोस्ट बनाने का सरल तरीका:
- कम्पोस्ट बनाने के लिए सर्वप्रथम गड्डा या ट्रेंच या खंदक का निर्माण करना होगा, जिनकी लम्बाई = 3 मीटर, चौड़ाई = 1.8 मीटर, तथा गहराई = 0.90 मीटर होना चाहिए।
- गड्डा या ट्रेंच या खंदक बनाने के बाद उसमे बायोमास - कचरा गोबर से भरा जाता है।
- पोधो के अवशेष व गोबर की परतें भरी जाती व उस पर जल का छिड़काव करते है। तीन - चौथाई गड्डे को भरते है, जल का छिड़काव शाम व सुबह करते है, उसे तीन दिन तक दौहराया जाता है। फिर इसे पलटा जाता है, पहला पलटाव एक हफ्ते बाद, दूसरा पलटाव 15 दिन बाद व तीसरी पल्टी दो माह बाद करते है। कम्पोस्ट को बनाने में पर्याप्त नमी रखी जाती है। कम्पोस्ट खाद 110 दिन से 120 दिन में तैयार हो जाता है। फिर आप इसे उपयोग में ले सकते है।