लोकसभा चुनाव के बाद किसानों के लिए राहत भरी खबर है। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार एक बार फिर किसानों को बड़ा तोहफा देने जा रही है। असल में, प्रदेश के किसानों को जल्द किसान सम्मान निधि का लाभ मिलने वाला है मोदी सरकार द्वारा किए गए वादे के मुताबकि ये आप सब लोग जानते ही होंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रक्रिया शुरु कर दी। इस प्रक्रिया को सफलता देने के लिए राज्य सरकार द्वारा 30 जून तक सभी पात्र किसानों का ब्यौरा केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। योजना में केंद्र सरकार किसानों के खातों में तीन किस्तों में सालाना छह हजार रुपए जमा करेगी। अभी यह राशि प्रदेश के कुछ हजार किसानों को ही मिल रही है, लेकिन अब प्रदेश के करीब एक करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली जाकर पीएम मोदी से मुलाकात की थी और प्रदेश के विकास और तरक्की के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की थी। सीएम कमलनाथ ने पीएम मोदी से किसानों की समस्याएं और प्रदेश में चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री से लंबित योजनाओं से जुड़ी राशि को शीघ्र पारित करवाने की मांग की।
31 मई को हुई नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना का लाभ सभी किसानों को देने का फैसला किया गया गया था। इससे पहले इस योजना में 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को ही रखा गया था। लेकिन अब इस सीमा को हटा लिया गया है। किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देश के सभी किसानों को मिलेगा चाहे उनके पास कितनी भी जमीन हो। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को खाते में सालाना 6,000 रुपए जमा करेगी। ये 6,000 तीन किस्तों में किसानों के खाते में जमा होंगे। इस योजना देश 14.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
ये होंगें योजना के लाभ से वंचित
इस योजना का लाभ जिन लोगों को नहीं मिल सकेगा
उनमें शामिल है -
- संस्थागत भूमि धारक
- संवैधानिक पद संभालने वाले किसान परिवार
- राज्य/केंद्र सरकार के साथ-साथ पीएसयू
- सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी
- डॉक्टर, इंजीनियर और वकील
- 10,000 रुपए से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों
- अंतिम मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले पेशेवरों
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
-इसके लिए दो सबसे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स खसरा और खतौनी है। यानी राजस्व रिकॉर्ड, जिससे पता चलेगा कि आप किसान हैं। खसरा खतौनी पटवारी बनाता है।इसमें खेती की जमीन की पूरी जानकारी होती है। इससे पूरी तरह स्पष्ट होता है कि जमीन पर अभी क्या हो रहा है और वह खेती के लिए कितनी उपयोगी है या फिर वह आबादी के बीच में तो नहीं है।
- दूसरा महत्वपूर्ण दस्तावेज है खतौनी। इसमें जमीन किसके नाम है उसकी पूरी जानकारी होती है। अगर जमीन एक से ज्यादा के नाम पर हैं तो उसके लिए शेयर सर्टिफिकेट बनवाना होता है। इस सर्टिफिकेट पर तहसीलदार के हस्ताक्षर होते हैं।
- आधार कार्ड भारतीय नागरिक की पहचान है। इस योजना के तहत सालाना 6 हजार रुपए पाने के लिए आधार देना जरूरी देना आवश्यक है।
- बैंक अकाउंट नंबर- योजना की किस्त पाने के लिए आपके पास बैंक अकाउंट नंबर जरूरी हैं क्योंकि सरकार डीबीटी के जरिए किसानों को पैसे ट्रांसफर कर रही है।
एसएमएस से मिलेगी सूचना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फार्म भरने के बाद जो भी लाभकारी किसान हैं, उनके नामों की लिस्ट पंचायत पर लगाई जाती है। इसके अतिरिक्त जिन किसानों को उसका लाभ मिलना है उनके मोबाइल पर भी एसएसएस भेजा जाता है।