कहीं आप भी तो नहीं इस खतरे से अनजान, उत्पादन न हो प्रभावित इसलिए करे ये उपाय

कहीं आप भी तो नहीं इस खतरे से अनजान, उत्पादन न हो प्रभावित इसलिए करे ये उपाय
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Kisaan Helpline

Agriculture Jul 15, 2019

खरपतवार एक ऐसा पौधा जो बिना चाहे खेत में फसल के साथ उगता है। संभव है दूसरे पौधों के बीच में होने से कृषि क्रियाओं में बाधा और उपज पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

क्या आप जानते है-

1. खरपतवार कीट एवं रोग कारक जीवाणुओं को शरण, भोजन तथा स्थान प्रदान करते हैं 

2. कटाई में बाधा डालते हैं तथा कटाई और गहाई में खर्चा बढ़ता हैं। 

3. खरपतवारों के बीज होने से उपज की गुणवत्ता घट जाती है, जिसका सीधा असर आपकी कमाई पर पड़ता है।

4. पानी से पैदा होने वाले खरपतवार जिन्हे जलीय- खरपतवार कहा जाता हैं, सिचाई के समय पौधे की वृद्धि को घटाते है।

5. इन सब कारणों से उत्पादन में भारी कमी होती है, जो की आय को लेकर प्रभाव डालती है।


आप शायद ये नहीं जानते-

खेती में कीटनाशकों के बेतहाशा इस्तेमाल पर रोक लगाने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जाती रही है। इसके मद्देनजर सरकार ने कुछ कीटनाशकों के खतरनाक प्रभावों को देखते हुए उन्हें प्रतिबंधित भी किया, लेकिन फिर भी इनका इस्तेमाल नहीं रुका। फसल को बीमारी से बचाने के लिए जितना कीटनाशक इस्तेमाल होता है, उसका बहुत कम हिस्सा अपने वास्तविक मकसद के काम आता है। 

जब भी रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से पैदा होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों की बात उठती है, तो यह दलील दी जाती है कि इस पर रोक लगाने से पैदावार कम हो जाएगी। देश की खाद्य सुरक्षा प्रभावित होगी, लेकिन इस बात पर अगर देखा जाये तो ये अगर खरपतवार के साथ फसल को भी नुकसान ही देता है, नतीजा उत्पादन में कमी, जल स्त्रोतों से कीटनाशकों का संपर्क, खाद्य पदार्थो में जहर का मिलना, जो की न केवल फसल बल्कि आपके परिवार को और आपको भी नुकसान ही पहुंचाता है।

कृषि रोगों और खरपतवार को कीटनाशकों से खत्म करके अनाज, सब्जियाँ, फल, फूल और वनस्पतियों की सुरक्षा करने का नारा देकर कई प्रकार के कीटनाशक और रसायनों का उत्पादन किया जा रहा है। 

कीटनाशक नहीं तो क्या है तरीका-


1. कीटनाशक दवाओं से हानि न हो इसके लिए कृषि यंत्रो का इस्तेमाल करे।

2. खरपतवारों के अंकुरण से लेकर पत्तियों के विकसित होने तक उनकी भोजन-पूर्ति भूमिगत भाग से होती है। अतः जमाव के १०-१४ दिन बाद जुताई करना नियंत्रण हेतु प्रभावकारी कदम होगा।

3. खरपतवार की वृद्धि न हो इसके लिए कुरपाई करे, इस से आपके फसल को नुकसान नहीं होगा।

4. समय - समय पर फसल का निरीक्षण करे।

5. हानिकारक कीटनाशक दवाओं के लुभावने विज्ञापन को नजर अंदाज करे। 

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