कोरोना महामारी से जूझ रहे भारतीय समुद्री झींगा या टाइगर श्रिम्प के कारोबार से जुड़े लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है। जापान ने भारतीय झींगा (Indian Black Tiger shrimps) के लिये निरीक्षण आदेश को पूरी तरह से हटा दिया है। इससे अब जापान में बेरोकटोक झींगा मछली का निर्यात हो सकेगा। यह जानकारी समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) ने दी है।
MPEDA के अध्यक्ष के. एस. श्रीनिवास ने बताया कि जापान ने सिंथेटिक एंटी-बैक्टीरियल दवा फ्यूराज़ोलिडोन अवशेष से पूरी तरह से मुक्त पाए गए स्वादिष्ट झींगा किस्मों की निर्यात खेप के बाद भारतीय ब्लैक टाइगर श्रिम्प के निरीक्षण को पूरी तरह से हटा दिया है। इस निर्णय के बारे में जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय (MHLW) के खाद्य निरीक्षण और सुरक्षा प्रभाग ने जापान में भारतीय दूतावास, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) और भारतीय निर्यात निरीक्षण परिषद को जानकारी दे दी है।
एमएचएलडब्ल्यु ने पहले इस साल 25 मार्च को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से ब्लैक टाइगर श्रिम्प (Penaeus monodon) के लिए इंपोर्ट इंस्पेक्शन सैंपलिंग फ्रीक्वेंसी को 100 फीसदी से घटा कर 30 फीसदी कर दिया था। चूंकि भारत में उत्पादन होने वाली ब्लैक टाइगर श्रिम्प के निर्यात की खेप में फ्यूराज़ोलिडोन नहीं पाई गयी थी, इसलिए जापान ने अपने खाद्य स्वच्छता अधिनियम की धारा 3 के अनुच्छेद 26 के अनुसार आयात नमूना आवृत्ति के निरीक्षण में पूर्ण छूट प्रदान करने का निर्णय लिया था।
जापान के इस आदेश का स्वागत करते हुए, एमपीईडीए के अध्यक्ष के. एस. श्रीनिवास ने कहा कि यह उन भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों के मनोबल को बढ़ाएगा, जो कोविड -19 महामारी की वजह से व्यापार और लॉजिस्टिक के विभिन्न मुद्दों से जूझ रहे हैं, जिसने विदेशों के समुद्री खाद्य बाजारों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, एपीईडीए विभिन्न मंचों पर एंटीबायोटिक अवशेषों के लिए आयात निरीक्षण से ब्लैक टाइगर श्रिम्प को छूट देने का अनुरोध करता आ रहा है। अब जापानी अधिकारियों के इस निर्णय से विशेषकर पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में ब्लैक टाइगर श्रिम्प की फार्मिंग और निर्यात में और वृद्धि होगी।