अक्सर किसान अपने खेत में हानिकारक कीटो को लेकर परेशान रहते है, लेकिन आप ये नहीं जानते होंगे की मछली , मेंढक , सर्प , छिपकली इत्यादि के द्वारा कीटों को खाया जाता है। ये काफी हद तक कीटो को नियंत्रित करते है। जानिए कैसे-
1. मछली के द्वारा जल में अण्डे देने वाले कीटों एवं जल में जीवनचक्र पूरा करने वाले कीटों को भोजन के रूप में लिया जाता है।
2. जल में मच्छरों के द्वारा दिए गए अण्डे , मछली द्वारा खाने से इनकी संख्या प्रभावित होती है।
3. मेंढक द्वारा खेत में कीटों एवं रात्रिकाल में प्रकाश से आकर्षित कीटों को खाया जाता है।
4. इसी तरह छिपकली द्वारा भी रात्रि में कीट नियंत्रण किया जाता है।
5. सांप के द्वारा छोटे कीट तथा चूहों से रोकथाम की जाती है।
6. खेत में दिन के समय गिरगिट द्वारा कीटों को भोजन बनाया जाता है।
7. मुर्गी एवं बत्तख को धान के खेत में प्रभावी रूप से टिड्डे का नियंत्रण करते पाया जाता है।
8. खेत की जुताई के समय मैना एवं कौए द्वारा कोट अंडा, लार्वा एवं प्यूपा को खाया जाता है।
9. चने के खेत में पक्षियों द्वारा फलीबेधक लार्वा का आसानी से नियंत्रण किया जाता है, तिल के शलभ का बडा आकार होने के कारण यह पक्षियों द्वारा पसंद किया जाता है ।
10. इसके अलावा भण्डारण में रखे अनाज में कीट लग जाने पर इसे मैदान में फैलाया जाता है , जिसे गौरैया द्वारा आसानी से खाया जाता है।