कम लागत में अच्छी फसल पैदा करने के लिए किसान भाइयों को अपनी खेती में जैविक खेती करनी चाहिए, जिससे उनकी फसल की लागत कम होगी और उत्पादन भी अधिक होगा। किसान अपनी फसलों में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करते हैं जो जैविक उर्वरकों की तुलना में बहुत अधिक महंगा है। वर्मी कम्पोस्ट को खेत में या घर पर कुछ आसान तरीकों से बनाया जा सकता है।
वर्मीकम्पोस्ट शेड बनाने हेतु छायादार जगह चुनें, जहां पानी का भराव नहीं हो। शेड पानी के स्रोत के पास हो ताकि पानी देने में आसानी रहे। खाद के गड्ढे जल स्रोत से ऊपर वाले क्षेत्र में नहीं हों अन्यथा रासायनिक तत्व रिसाव से जल को प्रदूषित कर सकते हैं।
सामान्यतः वायुवेग की दिशा में गड्ढों की चौड़ाई रखें तथा आवासीय मकान गड्ढों से निचले क्षेत्र (जिधर हवा बहती है, नहीं बनायें) इससे वायु प्रदूषण द्वारा नुकसान नहीं होगा।
खाद की आवश्यकतानुसार गड्ढों की संख्या निश्चित करें। गड्ढे की लंबाई कचरे की मात्रानुसार रखें। चौड़ाई 1.2 मीटर (4 फीट) रहे अन्यथा अपशिष्ट पलटते समय असुविधा रहेगी। गड्ढे की गहराई 30-45 सें.मी. (1-1.5 फीट) रखें। गड्ढे 2 मीटर ऊंचे छप्पर से ढके रहें।
गड्ढों में भरने हेतु अपशिष्ट इकट्ठा करें, ताकि एक ही दिन में भर सकें। सबसे नीचे मोटे कचरे की (कड़बी, सरसों, तुअर अपशिष्ट आदि) 5-7.5 सें.मी. तह (24 घंटे पूर्व भिगोई हुई) बिछायें।
इसके ऊपर 10 सें.मी. बारीक भूसे की तह कचरा (हरा अथवा सूखा) फैलाकर पानी से नम करें। पानी लगभग 30-40 प्रतिशत रहे।
अब गोबर की 5 सें.मी. की तह समान रूप से बिछायें।
प्रति वर्गमीटर के लिए केंचुओं की संख्या 1000 रखें। केंचुए अलग-अलग तह में विभाजित करें।
इस सतह को मिट्टी, नीम की पत्तियों एवं राख के मिश्रण से ढकें। यह सतह पोषक तत्वों को स्थिर रखेगी।
गड्ढा भरने की क्रियाएं दोहराएं, जब तक कि गड्ढा भर न जाये।
सबसे ऊपर सड़ा हुआ गोबर व पत्तियां रखें, ताकि मध्यम ऊंचा रहे एवं किनारे वाले हिस्से नीचे रहे ताकि पानी भरे नहीं।
जूट या टाट से मिश्रण ढकें। इससे नमी संरक्षित रहेगी।
गर्मी में प्रतिदिन व सर्दी में 2-3 दिन में एक बार पानी देकर उचित नमी रखें।
प्रतिमाह मिश्रण को पलटें ताकि वायु का संचार हो सके एवं केंचुओं का संवर्द्धन भी होता रहे।
भुरभुरा-भूरे रंग का खाद बन जाने पर पानी देना बंद करें। मिश्रण को रेती छानने की छलनी में छानकर बोरों में भरें अथवा उपयोग में लें। खाद में 10-20 प्रतिशत नमी रहनी चाहिये। कचरे की किस्म के अनुसार वर्मीकम्पोस्ट 75-90 दिन में तैयार हो जाता है। केंचुए पुनः खाद बनाने हेतु काम में लें।