बीज उपचार
1. थाईरम या एग्रोसन जी.एन. या कैपटन या विटावेक्स की सही मात्रा प्रति किलो बीज से उपचार किया जा सकता है।
२. उसके बाद बीज को फंफूदनाशक के साथ अच्छी तरह मिला ले।
3. इसके बाद बीज उपचारित करने के बाद उन्हें छाया में रख दें जिससे फफूदनाशक का असर उन पर रहे।
4. अगर उपचारित बीज का उपयोग कर रहे हो, तो उन्हें उपचारित न करें।
5. बीज बोनी के लिए प्रमाणित बीजों का ही उपयोग करना चाहिए जो कि प्राय:उपचारित रहते है।
सूर्यकिरणों से उपचार
1. किसान चाहे तो बीजों को ठन्डे पानी में भिगोकर गर्मी के महीनों में सुबह के समय 8 से 12 बजे तक रखे और दोपहर बाद सुखाए।
2. आपके ऐसा करने पर फंफूदनाशक के उपयोग बिना रोग नियंत्रण किया जा सकता है।
3. बीज को सुखाते समय सावधानियां लेना चाहिए जिससे बीज की अकुंरण क्षमता बनी रहे।
4. उगने के बाद रोग के लक्षण दिखने पर ऐसे पौधों को उखाड़ देना चाहिए।