मौसम विभाग ने इस बार बारिश को लेकर कुछ भविष्यवाणी की है, जिससे किसानो को उनकी खेती में कई फायदे होंगे। वैसे तो भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून जून से सितंबर तक बारिश लेकर आता है। लेकिन ऐसा अनुमान लगाया गया है कि इस साल अल नीनो के कमजोर पड़ने की वजह से बारिश सामान्य के करीब रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को भविष्यवाणी की है कि जून से सितंबर तक मानसून का मौसम होता है। इस दौरान 96 प्रतिशत तक बारिश होने की संभावना होती है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश के अनुमान में 5 प्रतिशत की कम ज्यादा हो सकता है। कमजोर अल नीनो की स्थिति में मानसून सीजन के दौरान बारिश प्रबल रहने की संभावना है। अंतिम सीजन में तीव्रता कम हो सकती है।
मौसम विभाग के मौसम भविष्यवक्ता ने कहा कि कुल मिलाकर 2019 के मानसून सीजन के दौरान करीब-करीब सभी इलाके में बारिश एक सामान रहेगा। मौसम विभाग से मिली इस जानकारी और इससे देश के किसानों को खरीफ फसल में फायदा होगा। भारत की कृषि के लिए मानसून संकटपूर्ण होता है जब इसकी मात्रा देश की वार्षिक बारिश का 70 प्रतिशत होता है। आईएमडी का कहना है कि औसत या सामान्य बारिश 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच जून से शुरू होकर पूरे चार महीने 89 सेंटीमीटर का होता है।
पृथ्वी और विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. राजीवन नायर ने कहा, 'भारत में 2019 में मानसून तकरीबन सामान्य रहने वाला है क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून लगभग सामान्य रहने की उम्मीद है।' उन्होंने कहा कि लंबी अवधि का औसत 96% रहने की उम्मीद है जिससे देशभर में 89 सेंटीमीटर बारिश होगी।
इससे पहले चार अप्रैल को प्राइवेट मौसम भविष्यवक्ता स्काईमेट ने कहा कि भारत को इस जून से सितंबर तक सामान्य से कम बारिश का सामना करना पड़ेगा।