इस सब्जी के हैरान कर देने वाले भाव, अमेरिकन बादाम से भी महंगी, 1200 रुपए किलो बिक रही यह सब्जी

इस सब्जी के हैरान कर देने वाले भाव, अमेरिकन बादाम से भी महंगी, 1200 रुपए किलो बिक रही यह सब्जी
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Kisaan Helpline

Agriculture May 09, 2023

राजस्थान के शेखावाटी और चूरू में सांगरी नामक सब्जी की खेती होती है। यहां के लोग इस सब्जी से बने व्यंजन बड़े चाव से खाते हैं। शेखावाटी क्षेत्र में होने वाली सांगरी ने इन दिनों कारोबार का स्वाद बिगाड़ दिया है। अचानक दोगुने दामों से सब्जी कारोबारी भी चिंतित हैं। अब लोगों को बादाम से भी महंगी सांगरी खरीदने के लिए दोगुनी कीमत चुकानी पड़ती है। 600-700 रुपए किलो बिकने वाली इस सब्जी का रेट बाजार में 1200 रुपए किलो तक पहुंच गया है।

इस बार सांगरी के उत्पादन में आई कमी
एक अनुमान के मुताबिक चूरू जिले सहित आस-पास इलाकों से हर साल सांगरी बाजार में बिकने के लिए आती है। पूरे सीजन में एक बार में करीब 25 टन इसकी खपत हो जाती है। लेकिन, इस बार गिल्डू रोग के कारण इसका उत्पादन पूरी तरह प्रभावित हुआ। व्यापारियों का कहना है कि इस बीमारी के कारण इस बार उत्पादन 35 फीसदी यानी करीब 8.5 टन रह गया है। यही वजह है कि इस बार सांगरी के भाव 1200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।
जानकारों के मुताबिक इस बारिश के असर से सांगरी की फसल को काफी नुकसान हुआ है। इसके अलावा मार्च के महीने में पड़ रही भीषण गर्मी ने भी इस पर असर डाला है।

अमेरिकन बादाम से भी महंगी
अभी बाजार में सूखी सांगरी 1000 से 1200 रुपये प्रति किलो बिक रही है। पिछली बार भाव 600 से 800 रुपये प्रति किलो के दायरे में थे। व्यापारियों के मुताबिक इस बार सांगरी के दाम बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि जब लॉकडाउन लगने वाला था, तब सांगरी पहली बार मार्च 2020 में 1,000 रुपये किलो बिकी थी। अब अगर अमेरिकी बादाम की बात करें तो इसकी कीमत 800 रुपये प्रति किलो है।

प्रतिरोधक क्षमता अधिक है इस सब्जी में
सांगरी की फलियों में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिनमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें किसी प्रकार के रसायन व दवा का प्रयोग नहीं किया जाता। शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिहाज से केर सांगरी की सब्ज़ी का सेवन फायदेमंद माना जाता है। केर और सांगरी दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स हैं और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एक आवश्यक और महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। पाचन में भी फायदेमंद है। 1899-1900 के बीच राजस्थान में अकाल पड़ा था। इसे छप्पनिया-काल कहा गया। इस दौरान केर और सांगरी की फली लोगों के बड़े काम आई।

जानें केर सांगरी के बारे में
केर सांगरी एक पारंपरिक सब्जी है। जिसमें विभिन्न मसालों, तेल के साथ केर फल और सांगरी की फलियों को पकाया जाता है। केर और सांगरी के पेड़ हरियाणा और राजस्थान में अधिक पाए जाते हैं और आमतौर पर इनकी खेती नहीं की जाती है। जंगलों में उगने के कारण इनकी कीमत आम सब्जियों की तुलना में काफी महंगी होती है।

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