Crop Compensation : बेमौसम बारिश और ओलावृष्टी के कारण किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। इस बार रबी सीजन किसानों के लिए बिलकुल भी अच्छा साबित नहीं हुआ। मार्च में हुई बारिश से गेहूं और सरसों को काफी नुकसान हुआ है। लेकिन कुछ दिनों के लिए फिर से बारिश बंद हो गई और मौसम फिर से खराब होने लगा। कई राज्यों में बारिश से आलू, प्याज, टमाटर, केला समेत कई फलों और सब्जियों को नुकसान पहुंचा है। किसान लगातार अपनी क्षतिग्रस्त फसलों के लिए केंद्र और राज्य सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे है।
इसी कड़ी में गुजरात के किसानों के लिए राहत की खबर है। मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात सरकार ने गुरुवार को राज्य के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश के कारण नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की। स्वास्थ्य मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने कहा कि प्रभावित किसानों को "सहायता" प्रदान करने के लिए राहत पैकेज को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई। वहीं, गुजरात सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने इस विशेष पैकेज के तहत दी जाने वाली राहत को "अब तक का सबसे ज्यादा" बताया।
इन 13 प्रभावित जिलों के लिए राहत पैकेज की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में गांधीनगर में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। प्रवक्ता ने कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि राहत पैकेज की घोषणा 13 प्रभावित जिलों - राजकोट, जूनागढ़, बनासकांठा, अरवल्ली, तापी, पाटन, साबरकांठा, सूरत, कच्छ, अमरेली, जामनगर, भावनगर और अहमदाबाद में नुकसान का आकलन करने के बाद की गई थी।
30,600 रुपये तक की मिलेगी सहायता राशि
इस पैकेज के तहत, जिन किसानों को अपनी कुल फसल का 33 प्रतिशत या उससे अधिक का नुकसान हुआ है, उन्हें राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) द्वारा प्रदान किए गए मुआवजे के अलावा वित्तीय सहायता मिलेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गेहूं, चना, सरसों, केला और पपीता जैसी फसलों के लिए किसानों को एसडीआरएफ से 13,500 रुपये और राज्य सरकार से 9,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त सहायता मिलेगी। कुल मिलाकर, प्रत्येक किसान को 23,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता मिलेगी, लेकिन अधिकतम दो हेक्टेयर की सीमा के साथ, उन्होंने कहा।
आम, अमरूद और नींबू जैसे बागवानी उत्पादों को हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार दो हेक्टेयर की ऊपरी सीमा के साथ 30,600 रुपये प्रति हेक्टेयर का भुगतान करेगी। इस मुआवजे में एसडीआरएफ से 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और राज्य के खजाने से 12,600 रुपये शामिल हैं, मंत्री ने कहा, राज्य पात्र किसानों को 4,000 रुपये की न्यूनतम सहायता का भुगतान करेगा।