किसान न केवल पारंपरिक फसलों की खेती करके बल्कि फूल उगाकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में फूलों की मांग है। यदि किसान भाई शेडनेट पद्धति से फूलों की खेती करें तो उन्हें अधिक लाभ होगा। इस तकनीक की मदद से एक ही खेत में साल भर फूलों की खेती की जा सकती है। शेडनेट तकनीक की कीमत भी कम होती है। ऐसे में किसान भाई शेडनेट पद्धति अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
शेडनेट पद्धति एक ऐसी तकनीक है जिससे वर्ष भर फूलों की खेती की जा सकती है। इस तकनीक के प्रयोग से किसानों को फूलों की खेती से साल भर नियमित रूप से अच्छी आमदनी होती है। छत्तीसगढ़ के किसान न केवल फूलों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं बल्कि शेड नेट, पॉली हाउस, ड्रिप और मल्चिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का भी प्रयोग कर रहे हैं, जिससे उन्हें भरपूर उत्पादन मिल रहा है। हैदराबाद, अमरावती, नागपुर और भुवनेश्वर जैसे बड़े शहरों में फूलों की डिमांड के चलते उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है।
कम मेहनत में दोगुना मुनाफा
फूलों की खेती के लिए शेडनेट तकनीक बहुत उपयोगी है। इस तकनीक से खेती करने पर फसल में कीट नहीं लगते हैं। इस मामले में फूलों का उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती है। खास बात यह है कि लंबे समय तक एक ही स्थान पर फसल बोने के कारण किसानों को कम मेहनत करनी पड़ती है। इससे उनका मुनाफा भी दोगुना हो जाता है।
सरकार दे रही है 50 प्रतिशत अनुदान
फूलों की खेती के लिए शेड नेट विधि बहुत प्रभावी है, यह फसल को कीड़ों और बीमारियों से बचाती है। लंबे समय तक फसल की खेती करने से किसानों को दोगुना मुनाफा होता है। यह विधि उन फसलों के लिए उपयोगी है जो गर्मी के मौसम में नहीं उगाई जा सकती हैं। इससे साल भर फूलों की खेती की जा सकती है। वहीं बारिश के मौसम में भी छायादार जाली के कारण फूल सुरक्षित रहते हैं। लेकिन, अब छत्तीसगढ़ सरकार अपने राज्य में इस तकनीक से खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत संरक्षित खेती के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत 710 प्रति वर्ग मीटर पर 355 वर्ग मीटर में अनुदान का प्रावधान है। किसान अधिकतम 4000 वर्गमीटर में शेडनेट लगा सकते हैं।
सालाना हो रही है लगभग 10 लाख रुपये की कमाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विकासखंड के कोलिहापुरी गांव के प्रगतिशील किसान श्री गिरीश देवांगन गुलाब, जरबेरा और रजनीगंधा आदि की खेती कर रहे हैं। जिससे उन्हें सालाना करीब 10 लाख रुपये की कमाई हो रही है, उन्होंने बताया कि फूलों की सजावट के लिए इन फूलों की बाजार में काफी मांग है। यहां के फूलों को स्थानीय स्तर पर बेचा जा रहा है और साथ ही हैदराबाद, अमरावती, नागपुर, भुवनेश्वर जैसे शहरों में भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि खेतों में शिर्डी के गुलाब की अद्भुत किस्म लगाई गई है। वहीं, पॉली हाउस में जरबेरा, अंकुर, सिल्वेस्टर, दून, डेनेलन, व्हाइट हाउस और फोर्ब्स की किस्में भी लगाई गई हैं।
श्री देवांगन ने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन अंतर्गत पॉली हाऊस निर्माण के लिए 16 लाख 88 हजार रूपए और संरक्षित खेती के लिए 14 लाख रूपए का अनुदान मिला है। साथ ही उन्हें शेडनेट हाऊस के लिए 7 लाख 10 हजार रूपए की अनुदान राशि भी मिली है, जहां उन्होंने ड्रिप एवं मल्चिंग विधि से गेंदा लगाया है। उन्होंने बताया कि शेडनेट पद्धति का उपयोग कर रजनीगंधा के फूल लगाए हैं।