बारिश का समय आ चूका है, किसान भाई 10 से 30 मई तक नर्सरी डालने का सही समय है। नर्सरी तैयारी के लिए अपने क्षेत्र के हिसाब से किस्मों का चयन करें।
खरीफ के मक्का की बुवाई
अगर आप मई माह मे मक्का बोते है तो वह, अगस्त में पक जाता है। मक्का के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी चाहिए होती है। मक्का की बुवाई के समय 10 टन कम्पोस्ट, आधा बोरी यूरिया, तीन बोरे सिंगल सुपर फास्फेट, आधा बोरा म्यूरेट आफ पोटाश व 10 किग्रा. जिंक सल्फेट अन्य फसलों की तरह बीज के नीचे साइड में लाइनों में डालें।
इस फसल के लिए उन्नत किस्मों के लगभग आठ किग्रा. बीज को 24 ग्राम बाविस्टीन से उपचारित करके प्लांटर की सहायता से दो फुट दूर लाइनों में और 9 इंच पौधों में दूरी पर दो इंच गहरा लगाएं। खरपतवार नियंत्रण के लिए दो दिन के अन्दर 700 से 800 ग्राम एट्राजीन 70 डब्ल्युपी. 200 लीटर पानी में छिड़कें। मक्का के दो लाईनों के बीच सोयाबीन, मूंग या उड़द की एक लाइन भी लगा सकते हैं, जिसके लिए कोई विशेष क्रिया नहीं करनी पड़ती है इससे खरपतवार नियंत्रण बढ़िया हो जाता है और मुख्य फसल के साथ-साथ दाल की फसल प्राप्त कर आय में वृद्धि होती है।
ग्रीष्मकालीन मूंगफली की बुवाई कर सकते हैं
सिंचित क्षेत्रों में मई के पहले सप्ताह में मूंगफली-गेहूं फसल चक्र अपनाया जा सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखे की एक ही जमीन पर हर बार मूंगफली न उगाएं इससे मिट्टी में कई बीमारियां पैदा हो जाती हैं। इसके दौरान खरपतवार की मात्रा में भी वृद्धि होती है, खरपतवार निकालने के लिए तीन सप्ताह बाद निराई-गुड़ाई करें और साथ में सिंचाई के लिए नालियां भी बना लें। अगर इस खेती के दौरान चेपा जो कि पौधों से रस चूसते हैं, अगर हमला करें तो 200 मिली. मैलाथियान 70 प्रतिशत को 200 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़के। बीमारियों से रोकथाम के लिए बीजोपचार ही सबसे सर्वोत्तम तरीका है।
मूंग व उड़द की फसल में करें ये काम
अगर आपने अप्रैल में कोई फसल बोई हो तो, अप्रैल में बोई फसलों से एक माह बाद खरपतवार निकाल दें और 17 दिन के अन्तर पर सिंचाई करें ताकि फूल तथा फलियां लगने पर पानी की कमी ना हो व दाना मोटा पड़े।
मूंग व उड़द की फसल में सिप कीड़े के हमले में फूल गिर जाते हैं और फसल की गुणवत्ता व पैदावार में भी कमी आती है। नियंत्रण के लिए फूल पड़ते ही 100 मिली. मैलाथियान 70 ईसी 100 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें।
इस समय लगा सकते हैं कई सब्जियों की नर्सरी
अगर आप मिर्च की नर्सरी लगाना चाहते है तो, मिर्च मई माह के दूसरे हफ्ते में मिर्च की नर्सरी लगा सकते हैं। एक एकड़ खेत में पौधा रोपण के लिए देखा जाये तो अच्छी गुणवत्ता का 400 ग्राम बीज काफी होता है। मिर्च की उन्नत किस्मों की श्रेणी में पूसा ज्वाला व पूसा सदाबहार 80-100 कुंतल बहुत ही अच्छी होती है और हरी मिर्च का उत्पादन देती है। मिर्ची के पौधे में बीमारियों की रोकथाम के लिए 400 ग्राम बीज को एक ग्राम थिरम या केप्टान से उपचारित करें। ताकि बीमारियों के लिए पौधे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाये।
जैविक खाद का करें प्रयोग
उन्नत खेती और अच्छी पैदावार के लिए किसान भाई दालों, मूंगफली, सोयाबीन, बरसीम जैसी फसलों में खेती में लागत कम करने के लिए उर्वरकों के साथ-साथ जैविक खाद भी जरूर प्रयोग करें, इसके उपयोग से आपको खेती में अच्छे परिणाम मिलेंगे। जैविक खाद तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगता, 40 से 50 दिनों में आसानी तैयार हो जाती है। जैविक खाद अन्य फसलें जैसे मक्का, कपास, सब्जियां, आदि में भी प्रयोग कर सकते है। जैविक खाद हवा से नाइट्रोजन खींचकर फसल की जरूरत को पूरी करते हैं। अगर आपने मिट्टी परिक्षण करवाया है तो उच्च या मध्यम फास्फोरस वाली मिट्टी में, जैविक खाद का प्रयोग जरूर करे।
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