इस महीने के अंत में भारत का चीनी निर्यात 50% बढ़कर 5.7 मिलियन टन के रिकॉर्ड पर पहुंच जाएगा, जो कि मूल्यवर्धित रुपये, सब्सिडी और प्रतिद्वंद्वी आपूर्तिकर्ताओं से कम उत्पादन में मदद करता है।
सरकार को उम्मीद है कि अगले सीजन में भी मजबूत प्रदर्शन जारी रहेगा। हमने 5.7 मिलियन टन का अनुबंध किया है, जिसमें से 5.5 मिलियन टन मिलों से पहले ही भेजे जा चुके हैं। हमें उम्मीद है कि सीजन खत्म होने से पहले 5-6 लाख टन के ठेके होंगे। खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा भारत के पास 6 मिलियन टन निर्यात करने का लक्ष्य था।
उन्होंने कहा कि कोविड -19 महामारी के दौरान मंत्रालय, मिलरों और ट्रांसपोर्टरों के बीच बेहतर समन्वय के कारण रिकॉर्ड निर्यात संभव हो पाया है।
सिंह ने कहा, वैश्विक बाजार में निरंतर मांग के कारण निर्यात में तेजी आई। इससे पहले सबसे ज्यादा चीनी का निर्यात 2007-08 में हुआ था जब भारत ने 4.9 मिलियन टन का उत्पादन किया था। सिंह ने कहा कि अगले सीजन में भी चीनी का निर्यात उसी सीमा में होने की संभावना है।
हमें अगले सीजन (अक्टूबर 2020-सितंबर 2021) में 6-6.5 मिलियन टन के अधिशेष के साथ 32.5 मिलियन टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है। उन्होंने कहा 1 मिलियन टन के कैरीओवर स्टॉक को निर्यात के लिए और अधिक आवश्यकता होगी।
6 मिलियन टन चीनी के निर्यात के लिए 6,268 करोड़ रुपये की सब्सिडी का विस्तार करने के सरकार के फैसले ने मिलों को अतिरिक्त चीनी जहाज को प्रोत्साहित किया।