पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय में टिकाऊ खेती व आर्थिक विकास के लिए जैविक व प्राकृतिक कृषि विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत मंगलवार को हुई। कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय इसका उद्घाटन किया। उन्होंने इस दौरान बताया की 2022 तक राज्य को जैविक कृषि राज्य घोषित कर दिया जाएगा। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी की प्रदेश के कृषि व बागवानी विश्वविद्यालय तथा राज्य कृषि विभाग मिलकर जैविक व प्राकृतिक कृषि पर अच्छे से कार्य कर रहे हैं। निकट भविष्य में प्रसार कर्मचारी प्रदेश के सभी नौ लाख 61 हजार परिवारों को जैविक व प्राकृतिक कृषि अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की इस वर्ष 3500 किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा गया है हालांकि लक्ष्य केवल 500 किसानों का ही रखा गया था , उन्होंने नई पीढ़ी को सन्देश देते हुए कहा की युवाओं को आगे आते हुए प्राकृतिक खेती से जुड़े विषयों पर शोध करते हुए अपनी पीएचडी करनी चाहिए।
आपको बता दे की पीएचडी विद्यार्थियों के शोध में भी प्राकृतिक कृषि को शामिल किया गया है। प्रदेश कृषि विभाग के निदेशक डॉ. देशराज ने कहा कि काफी किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ रहे हैं। कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ. जेपी सैनी ने बताया संगोष्ठी में देश भर के लगभग 125 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय तथा भारतीय जैविक कृषि सोसायटी ने संयुक्त रूप से इस कार्यशाला को आयोजित किया है।