हरियाणा सरकार ने राज्य के हर खेत की सेहत दुरुस्त करने की पहल की है। इस साल राज्य सरकार ने जहां 25 लाख एकड़ जमीन की सेहत सुधारने का लक्ष्य निर्धारित किया है, वहीं अगले तीन सालों के भीतर 75 लाख एकड़ जमीन की सेहत सुधारी जाएगी। ऐसा करने से जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी और अधिक पैदावार होगी, जो किसानों को लाभान्वित करने वाली है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गत दिवस वीडियो कान्फ्रेंसिंसग के माध्यम से प्रदेश में 40 नई मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं शुरू की है। कृषि मंत्री जेपी दलाल और हरियाणा वेयर हाउसिंसग कारपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत की मौजूदगी में इन मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं की शुरुआत हुई। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का जाल बिछाने की योजना बनाई है। इसी कड़ी में 40 नई प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया गया।
किसानों को अब अपने खेत की मिट्टी की जांच कराने की सुविधा उनके घर के नजदीक मिलेगी। अभी तक सूक्ष्म तत्वों के विश्लेषण की सुविधा सभी प्रयोगशालाओं में नहीं थी, परंतु अब यह सुविधा प्रत्येक प्रयोगशाला में उपलब्ध होगी। 75 लाख भूमि की मृदा जांच के दौरान मृदा स्वास्थ्य जांच कार्ड प्रदान किए जाएंगे, जिनमें मिट्टी की पूरी स्थिति के बारे में जानकारी होगी तथा उसमें कम मात्रा में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जाएगा।
किसान के बेटे पढ़ाई के साथ-साथ करेंगे कमाई
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीनियर सैकेंडरी स्कूलों एवं कालेजों के विद्यार्थियों की मृृदा जांच के कार्य में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यापक योजना बनाएं, ताकि कर सकें। उन्होंने कहा कि किसान के बेटे पढाई के साथ खेतों से मिट्टी के नमूने एकत्र करने का काम रुचि लेकर करेंगे, इससे उनकी आय भी होगी। इस कार्य में लगे विद्यार्थियों को प्रति नमूना 40 रुपये का मानदेय दिया जाएगा।
65 लैब स्थापित होंगी स्कूल और कालेजों में
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि गत वर्ष स्कूलों एवं कालेजों के 115 विज्ञान अध्यापकों एवं सहायक प्रोफेसरों को मृृदा परीक्षण का प्रशिक्षण सीएसएसआरआइ करनाल एवं एचएयू हिसार में दिया जा चुका है। राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 50 लघु मृदा प्रयोगशालाएं पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं और 65 अन्य ऐसी प्रयोगशालाएं स्कूलों एवं कालेजों में स्थापित की जा रही हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने बताया कि इसी वित वर्ष में पंचकूला और करनाल स्थित दो मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से एक्रीडेशन करवाया जाना प्रस्तावित है।