अहमदाबाद. अरब सागर पर निम्न दबाव के चलते गुजरात में पिछले दो दिनों से जारी भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश का असर खास तौर पर सौराष्ट्र और दक्षिण-गुजरात के इलाकों में है। सौराष्ट्र के राजकोट और अमरेली जिले में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। राज्य में 51 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, बारिश के कारण जंगलों में कीचड़ और पानी भर गया है जिसके कारण जंगली जानवार सड़कों पर निकल आए हैं। बुधवार को कई बब्बर शेरों को जूनागढ़ इलाके के गिर के जंगल से हाईवे पर घूमते देखा गया। मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है।
क्यों सड़क पर आए शेर
जूनागढ़ इलाके में गिर के जंगलों में से शेर जैसे जानवर निकलकर हाईवे पर घूमते दिखाई दिए। जानकारों का कहना है कि जंगल में कीचड़ हो जाने की वजह से शायद शेर बाहर निकले होंगे। बता दें कि गुजरात के गिर के जंगलों में शेरों की संख्या बढ़ी है। पहले यहां के जंगल में 411 शेर थे, लेकिन अब उनकी संख्या 523 हो गई है।
बारिश प्रभावित जिलों के दौरे पर निकलीं सीएम
दो दिन से बारिश से प्रभावित गुजरात के जिलों के दौरे के लिए मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल निकल चुकी हैं। वह अमरेली और दक्षिणी गुजरात के उन जिलों में जाएंगी जहां दो दिन से बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
अमरेली सबसे ज्यादा प्रभावित, 36 लोगों की मौत
अमरेली के शेत्रुंजी नदी पर बना पुल ढह गया। कई स्थानों पर रेल पटरियां भी बह गईं। जिले के बगसारा में नानी वाघनिया गांव में एक घर की दीवार गिरने से 13 लोगों की मौत हो गई। अमरेली के डीएसपी पिनाकिन परमार ने कहा, ''दीवार गिरने से दब कर मरने वालों में सात महिलाएं हैं, जिनमें कुछ बच्चियां भी शामिल हैं।'' स्टेट फ्लड कंट्रोल रूम के मुताबिक, भावनगर में तीन, गोंडल में दो और सूरत में तीन लोगों की मौत हुई है। इस जिले में अब तक 36 लोगों के मारे जाने की सूचना है। अमरेली, राजकोट, भावनगर और सोमनाथ जिले में भारी बारिश के कारण यहां बहने वाली नदियां उफान पर हैं। राजकोट के निचले इलाकों से 4121 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है। बाढ़ में कई गांवों के लोगों की बहने की संभावना है।
अमरेली में 24 घंटे में ही 26 इंच बारिश
अमरेली के बगसरा में पिछले 24 घंटे में 26 इंच तथा धारी में 8 घंटे में ही 22 इंच बारिश दर्ज की गई। वडिया में 18, राजुला में 10, खांभा, लाठी में आठ-आठ इंच बारिश दर्ज हुई है। खोडियार-वडिया खांभा रायडी, बेदुमल-3, धारतरवडी-2 (राजुला) नामक बांध के दरवाजे एक से दो फुट तक खोल दिए गए हैं। राजकोट का भादरबांध भी ओवरफ्लो हो गया है। यहां के सभी 29 दरवाजे छह फुट तक खोल दिए गए।
हेलिकॉप्टर से बचाए गए बाढ़ में फंसे लोग
इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के हेलिकॉप्टरों ने अमरेली के निकट स्टेट हाईवे पर बाढ़ में एक ट्रक पर फंसे 44 लोगों को निकाला। गुजरात में मानसून की भयावह स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मानसून के पहले ही सत्र में एयरफोर्स को बुलाना पड़ रहा है और हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करना पड़ा है। साथ ही, राजकोट में एनडीआरएफ की टीम ने एक गांव में पानी में फंसे 85 लोगों को बचाया है।
देश के बाकी हिस्सों में भी मानसून ने बढ़ाई मुश्किल
दक्षिणी राज्यों के बाद मध्य भारत होते हुए गुरुवार को मानसून उत्तर भारत के राज्यों में भी पहुंच चुका है। गुजरात ही नहीं, देश के अन्य हिस्सों में भी मानसून लोगों के लिए मुश्किल खड़ा कर रहा है। उत्तराखंड में चार धाम यात्रा रोक दी गई है। कश्मीर में बाढ़ का खतरा बन गया है और लद्दाख क्षेत्र से राज्य का संपर्क टूट गया है।